एडेड स्कूलों में शिक्षकों की समायोजन प्रकिया का विरोध शुरू, शिक्षक संगठनों ने उठाए सवाल
कम छात्र संख्या पर पद खत्म करने के प्रस्ताव का विरोध
लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) विद्यालयों में शुरू की जा रही शिक्षकों की समायोजन प्रक्रिया का विरोध शुरू हो गया है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि विभाग राजकीय विद्यालयों में सरप्लस शिक्षकों का समायोजन तो कर नहीं पाया, अब एडेड विद्यालयों में जबरन प्रक्रिया छेड़ रहा है।
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री आरपी मिश्र ने कहा कि शहरी क्षेत्र के एडेड विद्यालयों की छोड़ दिया जाए तो ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में पर्याप्त छात्र संख्या है, लेकिन यहां शिक्षकों की कमी है। ऐसे में वहां नए पद सृजित किए जाएं। जहां छात्र संख्या कम है, वहां अमान्य विद्यालयों के छात्रों को समायोजित किया जाए।
वहीं, माध्यमिक शिक्षक संघ चेतनारायण गुट के संजय द्विवेदी का कहना है कि एडेड विद्यालयों में शिक्षकों का प्रस्तावित समायोजन अवैध है। सरकारी विद्यालयों में वरिष्ठता प्रदेश स्तर पर होती है, लेकिन एडेड विद्यालय स्वयं में एक इकाई है। इसलिए इन विद्यालों में शिक्षकों का समायोजन गैर कानूनी है।
कम छात्र संख्या पर पद खत्म करने के प्रस्ताव का विरोध
लखनऊ। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ ने सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के समायोजन और कम छात्र संख्या पर पद खत्म करने के शासन के प्रस्ताव का विरोध किया है। हजरतगंज स्थित नेशनल इंटर कॉलेज में प्रदेश अध्यक्ष श्रवण कुमार कुशवाहा की अध्यक्षता में हुई बैठक में संघ ने कह प्रस्ताव पारित किए। संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों के प्रांतीयकरण के बाद ही शिक्षकों का समायोजन किया जाए और अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों में नए पदों के सृजन के साथ ही कोई पद समाप्त न किया जाए।
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