यूपी बोर्ड की पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड में, ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन भी पढ़ाने को लेकर स्कूलों को भेजा शेड्यूल।
यूपी बोर्ड : शैक्षिक सत्र 2022-23 हेतु तिथिवार एकेडमिक कैलेंडर देखें।
लखनऊ : यूपी बोर्ड की पढ़ाई हाइब्रिड हो चली है। कक्षा में पठन-पाठन के अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी पढ़ाई करानी है। कोरोना काल में यूपी बोर्ड ने भी ऑनलाइन पढ़ाई की शुरूआत की थी। अब जब सत्र सही समय पर पूर्ण रूप से ऑफलाइन हो चला है, बावजूद इसके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी पढ़ाई कराने की योजना स्कूलों को भेज दी गई है।
बोर्ड ने बकायदा इसका शिड्यूल तैयार कर स्कूलों को भेजा है जिसमें ऑफलाइन पढ़ाई के साथ ऑनलाइन क्या पढ़ाया जा सकता है, उसके संबंध में जानकारी दी गई है। हाइब्रिड मोड के अंतर्गत बोर्ड ने ई-ज्ञान पोर्टल के माध्यम से पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने को स्कूलों से कहा है। इसके अलावा दीक्षा एप के माध्यम से भी ई-पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने को कहा है। इन दोनों ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कक्षा नौ से 12 तक के विषयों की ई पाठ्य सामग्री उपलब्ध है।
क्या पढ़ाना है, बोर्ड ने किया है उल्लेख
बोर्ड ने कक्षा नौ से 12 तक के छात्रों के लिए स्कूलों को पठन-पाठन को लेकर शिड्यूल भेजा है। जिसमें विषयवार साप्ताहिक एकेडमिक कैलेंडर दिया गया है। किस हफ्ते में कौन-कौन से लेशन पढ़ाने हैं उसकी जानकारी दी गई है। साथ ही ऑफलाइन कौन से टॉपिक पढ़ाने हैं और उससे संबंधित क्या ऑनलाइन पढ़ाना है उसका भी उल्लेख दिया गया है।
स्कूलों को देना होगा प्रोजेक्ट वर्क
स्कूलों को पाठ से संबंधित प्रोजेक्ट वर्क भी छात्रों को देना होगा। प्रोजेक्ट वर्क में क्या दिया जा सकता है, इसका भी विषयवार उल्लेख शिड्यूल में दिया गया है। स्कूलों के अनुसार, प्रोजेक्ट वर्क एक तरह का होमवर्क ही है। राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि एकेडमिक कैलेंडर में यह दिया गया है कि ई पाठ्य सामग्री दीक्षा एप और ई-ज्ञान गंगा पर उपलब्ध है। अब बोर्ड ने इनका इस्तेमाल करने को कहा है तो इसका भी इस्तेमाल करने के लिए शिक्षकों को कहा जाएगा।
यूपी बोर्ड ने सप्ताहवार पढ़ाई का जारी किया पाठ्यक्रम
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शिक्षण व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक और कदम उठाया है।बोर्ड की ओर से सप्ताहवार पढ़ाई के लिए कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। हालांकि सीबीएसई समेत अन्य बोर्डों में यह व्यवस्था पहले से लागू है।
32 सप्ताह के लिए जारी कार्यक्रम में यह निर्धारित कर दिया गया है कि किस सप्ताह में कितना पाठ्यक्रम पढ़ाया जाना है। इस व्यवस्था के निर्धारण से यूपी बोर्ड के सभी विद्यालयों में एक साथ पढ़ाई चलेगी। किसी भी विद्यालय में पाठ्यक्रम आगे पीछे नहीं होगा। साथ ही समय से पाठ्यक्रम पूरा होगा।
इससे स्कूलों में पठन-पाठन की स्थिति भी पता चल सकेगी। कहां पर पढ़ाई की स्थिति पिछड़ी हुई और कहां पर पाठ्यक्रम निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चल रहा है, इसकी जानकारी मिल सकेगी। यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि परिषद की ओर से सप्ताहवार पाठ्यक्रम वेबसाइट पर जारी किया गया है।
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