JNU, जामिया समेत 48 विश्वविद्यालयों में मिलेगी विदेशी विवि की डिग्री, UGC ने दोहरी डिग्री की दी सहमति
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर संयुक्त और दोहरी डिग्री शुरू करने की सहमति दी है। इसके तहत बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी उत्तराखंड, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी दिल्ली, मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी समेत 48 यूनिवर्सिटी में अब विदेशी विश्वविद्यालयों की डिग्री भी मिलेगी।
वहीं, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज शैक्षणिक सत्र 2022-23 से आस्ट्रेलिया की मोनॅश यूनिवर्सिटी के साथ फील्ड ऑफ इंटरनेशनल डेवलपमेंट प्रैक्टिस और यूके की क्वीनमेरी यूनिवर्सिटी के साथ सोशल एंटरप्रिंयोरशिप और इंटरनेशनल बिजनेस में दोहरी डिग्री प्रोग्राम शुरू कर रहा है।
यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार ने बताया कि अभी 48 विश्वविद्यालयों ने विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर दोहरी और संयुक्त डिग्री की पढ़ाई करवाने पर सहमति दे दी है। इसके अलावा अभी अन्य विश्वविद्यालय इस योजना पर काम कर रहे हैं। यूजीसी विनियम 2022 के तहत भारतीय और विदेशी विश्वविद्यालय एक लिखित समझौते के तहत दोहरी और संयुक्त डिग्री देंगे। समझौते में दाखिला, फीस, पाठ्यक्रम, कोर्स, वीजा, इंटर्नशिप, प्लेसमेंट से लेकर अन्य शर्तें शामिल हैं। अब भारतीय छात्रों को विदेशी विश्वविद्यालयों की डिग्री की पढ़ाई का मौका मिलेगा। वहीं, विदेशी छात्र भी भारत में आएंगे। इससे भारतीय संस्थानों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
30 फीसदी कोर्स की पढ़ाई पर विदेशी डिग्री
पहले विदेशी विश्वविद्यालय की डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करने के लिए छात्र को पूूूरी पढ़ाई विदेश में जाकर करनी पड़ती थी। इसमें लाखों रुपये की फीस और रहने-खाने का खर्चा अलग से होता था। ऐसे में अधिकतर छात्र चाहकर भी विदेशी विश्वविद्यालयों से डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई नहीं कर पाते थे। यूजीसी के नए नियम में महज 30 फीसदी कोर्स करके विदेशी विश्वविद्यालय की डिग्री पाने का मौका उपलब्ध है।
इस तरह से होगी पढ़ाई
ट्विन प्रोग्राम: इसमें छात्र को कुछ कोर्स में एक, दो या तीन सेमेस्टर की पढ़ाई विदेशी विश्वविद्यालय में जाकर करनी होगी। यह एक तरह का स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम होगा। इसमें 30 फीसदी कोर्स या क्रेडिट विदेशी विश्वविद्यालय से प्राप्त करने होंगे।
ज्वाइंट डिग्री: इसमें एक भारतीय और दूसरा विदेशी विश्वविद्यालय मिलकर डिग्री प्रोग्राम चलाएंगे। इसमें डिग्री भारतीय विश्वविद्यालय की होगी। उसमें दोनों विश्वविद्यालयों का नाम और लोगो होगा। इसमें कम से कम 30-30 फीसदी क्रेडिट दोनों विश्वविद्यालयों से प्राप्त करने अनिवार्य होंगे।
दोहरी डिग्री: एक भारतीय और दूसरा विदेशी विश्वविद्यालय डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई करवाएंगे। दोनों विश्वविद्यालय अलग-अलग डिग्री जारी करेंगे। इसमें भी दोनों प्रोग्राम में 30 या उससे अधिक क्रेडिट स्कोर हासिल करने होंगे।
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