UGC : डिग्री कालेज में छात्रों को पढ़ाएंगे लाइब्रेरियन, पुस्तकालयाध्यक्ष का पदनाम भी बदलकर प्रवक्ता लाइब्रेरी किया जाएगा
राजकीय डिग्री कॉलेजों में लाइब्रेरियन अब छात्र-छात्राओं की कक्षाएं भी लेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से निर्धारित न्यूनतम शैक्षिक अर्हता को सेवा नियमावली में शामिल करने के लिए शासन स्तर पर काम चल रहा है। पुस्तकालयाध्यक्ष का पदनाम भी बदलकर प्रवक्ता लाइब्रेरी किया जाएगा।
इस बीच संयुक्त शिक्षा निदेशक (उच्च शिक्षा) डॉ. केसी वर्मा ने सभी राजकीय स्नातक और स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्यों को 23 सितंबर को पत्र लिखकर पूर्व से कार्यरत एक सप्ताह में ऐसे प्रवक्ता लाइब्रेरी की सूचना मांगी हैं जो यूजीसी से निर्धारित न्यूनतम अर्हता धारित करते हैं।
प्रदेश के 170 राजकीय डिग्री कॉलेजों में पुस्तकालयाध्यक्ष के तकरीबन 110 पद खाली हैं। वर्तमान में लगभग 36 कॉलेजों में ही लाइब्रेरियन कार्यरत हैं। दो दर्जन के आसपास कॉलेजों में पद सृजन ही नहीं हो सका है। लेकिन वर्ष 2005 और 2008 के बाद से आयोग ने भर्ती नहीं निकाली है।
एडेड कॉलेजों में भी 200 से अधिक पद खालीप्रदेश के 321 सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में पुस्तकालयाध्यक्ष के 200 से अधिक पद खाली हैं। पहले प्रबंधक अपने स्तर से लाइब्रेरियन की भर्ती कर लिया करते थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लाइब्रेरियन को पहली जनवरी 1986 से यूजीसी की ओर से निर्धारित वेतनमान दिया जा रहा है।
चूंकि यूजीसी का वेतनमान पाने वाले पदों पर प्रबंधन नियुक्ति नहीं कर सकता है इसलिए सरकार ने 13 मई 2009 को इन कॉलेजों में लाइब्रेरियन की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। उसके बाद नवंबर 2012 में कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को नियुक्ति की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन उसके बाद से नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी।
No comments:
Write comments