लाखों हैं बेरोजगार और शिक्षक साथी खोज रही यूपी सरकार, 63 हजार से अधिक बेसिक शिक्षकों के पद अभी भी हैं खाली
प्रयागराज । ऐसे समय में जबकि लाखों प्रशिक्षित बेरोजगार नौकरी के लिए सड़क की ठोकरें खा रहे हैं वहीं दूसरी ओर सरकार शिक्षक साथी के रूप में सेवानिवृत्त हो चुके स्वयंसेवी लोगों को खोज रही है। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में पिछली बार लगभग चार साल पहले पांच दिसंबर 2018 को 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए शासनादेश जारी हुआ था। उसके बाद से बेरोजगार अभ्यर्थी लगातार शिक्षक भर्ती शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने सहायक अध्यापकों के 16 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की घोषणा की थी लेकिन भर्ती शुरू नहीं हो सकी। इस सत्र में अभियान चलाकर कक्षा एक से आठ तक में बच्चों का दाखिला कराया गया है। इस बार 1.50 लाख से अधिक परिषदीय स्कूलों में तकरीबन दो करोड़ बच्चों का प्रवेश हुआ लेकिन शिक्षक भर्ती की कोई चर्चा नहीं है, जबकि सरकार ने स्वयं विधानसभा में स्वीकार किया है कि ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्कूलों में 51,112 और नगर क्षेत्र के स्कूलों में 12,149 पद खाली हैं।
शिक्षक साथी के चयन के लिए विज्ञापन की तैयारी
परिषदीय स्कूलों और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में शिक्षक साथी के चयन के लिए जिले में जल्द विज्ञापन जारी होगा। सीडीओ की अध्यक्षता में चयन समिति का गठन हो चुका है। प्रमुख सचिव दीपक कुमार की ओर से 28 सितंबर को जारी आदेश के अनुसार 28 अक्तूबर तक शिक्षक साथियों का चयन होना था लेकिन त्योहार के कारण देरी हो गई। शिक्षक साथी के रूप में ऐसे लोगों का चयन होगा जिसे परिषदीय स्कूल में कम से कम पांच साल शिक्षण का अनुभव हो।
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