बजट की कमी! यूपी बोर्ड ने कॉपी करवाई चेक, शिक्षकों का 8 करोड़ से ज्यादा भुगतान है बकाया
यूपी बोर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन में शिक्षकों का 8 करोड़ से ज्यादा पारिश्रमिक बकाया है। बजट के अभाव में शिक्षकों का भुगतान नहीं हो पाया है। ये भुगतान 2018, 2019, 2020 का है। कई जिले ऐसे हैं, जहां शत-प्रतिशत शिक्षकों का मूल्यांकन नहीं हो पाया है। समय से भुगतान न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इसमें 2018 का 48,02,704 रुपये का भुगतान नहीं हुआ है। वहीं 2019 का 4,11,53,761 और 2020 का 4,98,22,301 रुपये का भुगतान नहीं हुआ है। इन तीन वर्षों का कुल 8,98,22,301 रुपये का भुगतान नहीं हो पाया है। यह जानकारी सरकार ने सदन में मानसून सत्र के दौरान दी है और सदन को आश्वस्त् किया कि समय से भुगतान न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि 2021 में आयोजित अंक सुधार परीक्षा के लिए सभी जिलों को धनराशि का पूरा आवंटन किया जा चुका है और कोई भी भुगतान बकाया नहीं है। वहीं 2022 के भुगतान के लिए सभी डीआईओएस को धनराशि जारी कर दी गई है। यूपी बोर्ड में कॉपियां जांचने का पारिश्रमिक सीबीएसई बोर्ड से बहुत कम है। पारिश्रमिक कम होने के बाद भी समय से भुगतान न होने से कॉपी जांचने से शिक्षक बचते हैं।
माध्यमिमक शिक्षक संघ का कहना है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान जांची गई बोर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन का भुगतान ना करना कहीं न सरकार की मानसिकता को दर्शाता है। जब कि पारिश्रमिक का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।
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