MBBS का पाठ्यक्रम हिंदी में तैयार करने के लिए बनी कमेटी
प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बनाई कमेटी, विशेषज्ञ करेंगे किताबों का मूल्यांकन
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी शुरू हो गई है । चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने पूर्व डीजीएमई सहित तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। कमेटी को निर्देश दिया है कि मध्य प्रदेश में लागू पाठ्यक्रम की समीक्षा करें। वहां की किताबों का भी मूल्यांकन कर लें। इसी तरह प्रदेश में लिखी गई किताबों का भी मूल्यांकन कर लें।
प्रमुख सचिव ने बताया कि बृहस्पतिवार को हिंदी में पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारियों की समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एमबीबीएस कोर्स हिंदी में लागू करने से पहले एक नया मॉडल तैयार किया जाएगा। यह पूरे देश में अपने आप में अलग तरह का होगा।
इसके लिए कई पहलुओं पर नजर रखी जा रही है। किताबों ऐसी तैयार की जाएगी, जिसमें सिर्फ अनुवाद नहीं होगा। इन किताबों में चिकित्सा शिक्षा के शब्दों को आम बोलचाल की भाषा में रखा जाएगा।
उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में भी लागू होगा हिंदी पैटर्न, तैयारी में जुटा चिकित्सा शिक्षा विभाग
लखनऊ। मध्य प्रदेश के बाद अब यूपी के मेडिकल कॉलेजों में भी हिंदी पैटर्न लागू किया जाएगा। इसे लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। पुस्तक तैयार करने की जिम्मेदारी अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों को दी जाएगी।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में मेडिकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में शुरू कराने की मंशा जाहिर की है। प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के प्रोफेसर पहले से ही हिंदी में किताबें लिख चुके हैं। इन्हीं विशेषज्ञों की कमेटी भी बनाने की तैयारी है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव आलोक कुमार ने बताया कि इसको लेकर हर पहलू का अध्ययन किया जाएगा। शिक्षा की गुणवत्ता किसी भी कीमत पर कम नहीं होने दी जाएगी। कुछ किताबें पहले से मौजूद हैं। उनकी गुणवत्ता परखी जाएगी। फिर नए सिरे से पाठ्यक्रम का पैटर्न निर्धारित किया जाएगा। अलग-अलग चिकित्सा संस्थानों एवं मेडिकल कॉलेजों को पुस्तकें तैयार करने की जिम्मेदारी दी जा रही है।
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