तकनीक के भंवर में फंसा लखनऊ मण्डल के परिषदीय स्कूलों के बच्चों का का परिणाम, छात्रों से लेकर अभिभावक तक कर रहे इंतजार
लखनऊ । बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित स्कूलों में बच्चों के ज्ञान का परीक्षण करने के लिए निपुण की ओएमआर आधारित परीक्षा हुई थी। परीक्षा के बाद अभी तक तकनीकी दिक्कत बनी हुई है। इसकी वजह से जिले में कितने बच्चे निपुण हैं, इसका परीक्षण नहीं हो पाया है। बच्चों से लेकर उनके अभिभावक, शिक्षक और स्कूल सभी इसका इंतजार कर रहे हैं।
18 अक्टूबर को प्रदेश भर में बेसिक शिक्षा की ओर से निपुण की परीक्षा हुई। इस परीक्षा के माध्यम से यह देखा जा रहा है कि कक्षा एक से आठवीं तक पढ़ने वाले बच्चों में गणितीय ज्ञान, भाषा का ज्ञान कितना है। लखनऊ में हुई इस परीक्षा में कक्षा एक से पांचवीं तक के 65,930 बच्चों ने परीक्षा दी थी। जबकि छठी से आठवीं तक 21 हजार से अधिक बच्चों की परीक्षा हुई थी।
इसमें एक से तीसरी कक्षा के बच्चों की परीक्षा भी ओएमआर आधारित हुई थी। बच्चे ओएमआर नहीं भर पाए थे, इसकी वजह से शिक्षकों ने ओएमआर भरवा कर इनकी परीक्षा कराई थी। बेसिक शिक्षा के अधिकारियों ने परीक्षा के बाद सरल एप पर सभी ओएमआर को अपलोड करने के लिए कहा था।
सरल एप के माध्यम से ही रिजल्ट घोषित किया जाना था, लेकिन अभी तक इसका रिजल्ट नहीं जारी हो पाया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार का कहना है कि तकनीकी एरर की वजह से सरल एप पर सभी ओएमआर अभी अपलोड नहीं हो पाए हैं। ओएमआर अपलोड होने के बाद रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
निपुण के परिणाम पर बच्चों का भविष्य : निपुण अभियान के तहत बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अंदर कौशल की जांच करना है। इसमें कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों के लिए गणित, भाषा, सामान्य कौशल में एक सीमा निर्धारित की गई है। जिसमें यह देखना है कि उक्त कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों में उतनी जानकारी है या नहीं। निर्धारित मानक पर 70 फीसद से अधिक अंक पाने वाले बच्चे सफल माने जाएंगे। शेष बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए फिर से परीक्षा कराई जाएगी।
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