देवबंद का विश्वविख्यात मदरसा दारुल उलूम मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं
सहारनपुर : देवबंद का विश्वविख्यात मदरसा दारुल उलूम मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं है। यह गैर सहायता प्राप्त मदरसा है, जो सोसाइटी एक्ट में पंजीकृत है। उत्तर प्रदेश में सर्वे के दौरान करीब 7500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले हैं। टीम अपनी रिपोर्ट 31 अक्टूबर तक जिलाधिकारियों को देंगी। जिलाधिकारी रिपोर्ट 15 नवंबर तक शासन को उपलब्ध कराएंगे।
वहीं, पूरे प्रदेश में मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 16,513 मदरसे हैं। सर्वाधिक 550 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मुरादाबाद में मिले हैं। शासन के निर्देश पर 10 सितंबर से 20 अक्टूबर तक मदरसों का सर्वे किया गया। देवबंद का दारुल उलूम भी मदरसा बोर्ड से पंजीकृत नहीं है। इसका पंजीकरण सोयाइटी एक्ट के तहत हुआ है।
डीएम अखिलेश सिंह ने बताया कि अल्पसंख्यक विभाग की सर्वे टीम द्वारा निर्धारित प्रारूप पर रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें मदरसों का पाठयक्रम, स्थापना वर्ष, संस्थापक, संचालित करने वाली संस्था, छात्रों की संख्या, मदरसे को सरकारी मदद व शिक्षकों की संख्या आदि पर बिंदुवार रिपोर्ट तैयार की गई है।
डीएम ने कहा कि दारुल उलूम मदरसा बोर्ड में पंजीकृत नहीं है लेकिन इसे अवैध नहीं कहा जा सकता। जो मदरसे सरकार से सहायता प्राप्त हैं, उनका अल्पसंख्यक विभाग में पंजीकरण होता है। जो मदरसे सरकार से मदद नहीं ले रहे उनको अवैध नहीं कह सकते, जब तक कि यह पुष्टि न हो जाए कि उनको प्राप्त मदद का स्रोत उचित नहीं है। इन्हें गैर मान्यता प्राप्त या गैर सहायता प्राप्त मदरसा कहा जाएगा।
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