बेसिक शिक्षा : 21 लाख बच्चों ने दी निपुण परीक्षा
लखनऊ। निपुण भारत के तहत पहले त्रैमासिक मूल्यांकन के लिए लखनऊ मण्डल की परीक्षा सोमवार को एक साथ करवाई गईं।
इस परीक्षा में 21 लाख यानी 85 फीसदी से अधिक बच्चों ने परीक्षा दी। वहीं शिक्षकों को सरल एप पर ओएमआर शीट स्कैन कर अपलोड करने में दिक्कत हुई। शिक्षकों को देर रात तक एप के माध्यम से ओएमआर शीट स्कैन करने के आदेश दिए गए। सरकार ने इस वर्ष से हर तीन महीने में मूल्यांकन करवाने का निर्णय लिया है। यह पहली तिमाही परीक्षा थी।
NAT मूल्यांकन की OMR शीट की स्कैनिंग के लिए परिषदीय शिक्षक जूझते रहे पूरा दिन, अंततः विभाग ने घर जाकर स्कैन करने का दिया मौका।
परिषदीय स्कूलों के बच्चों ने मंगलवार को ओएमआर शीट से निपुण मूल्यांकन परीक्षा दी, लेकिन ओएमआर शीट स्कैन करने वाली सरल ऐप ने धोखा दे दिया। ऐप में खामी के चलते देर शाम तक शीट स्कैन नहीं हो सकी। शिक्षकों ने एबीएसए और बीएसए से शिकायत की। स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने शिक्षकों को ओएमआर शीट को घर जाकर स्कैन करने का मौका दे दिया।
प्राइमरी, जूनियर, कम्पोजिट और कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूलों के दो लाख छात्र और छात्राओं की मंगलवार को निपुण लक्ष्य और लर्निंग आउट कम परीक्षा ओएमआर शीट से करायी गई।
तीन-तीन गोले भर दिये
बच्चों को ओएमआर शीट भरने में दिक्कतें हुए। शिक्षकों के समझाने के बावजूद एक-एक जवाब के सामने दो या तीन-तीन गोले भर दिये।
84 फीसद बच्चों ने दी परीक्षा
बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि मंगलवार को निरीक्षण टीमों ने 634 स्कूलों का निरीक्षण किया। इन स्कूलों के करीब 54 हजार बच्चे परीक्षा में बैठे। जिसमें 84 फीसदी बच्चों की उपस्थिति रही। अन्य स्कूलों के बच्चों की ओएमआर सीट स्कैन होने परीक्षा देने वाले बच्चों की संख्या पता चलेगी। उन्होंने कहा कि सरल ऐप में तकनीकी खामी के चलते ओएमआर शीट स्कैन करने में दिक्कत आयी।
लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों के पहले निपुण असेसमेंट टेस्ट (NAT) में सरल एप ने शिक्षकों का कठिन टेस्ट लिया। शिक्षकों ने टेस्ट तो करा लिया लेकिन जब ओएमआर शीट को स्कैन करने का समय आया तो सर्वर जवाब दे गया। शिक्षक ओएमआर शीट को स्कैन कर एप पर अपलोड नहीं कर सके।
निपुण भारत मिशन के तहत मंगलवार को जिले के सभी परिषदीय विद्यालयों के कक्षा एक से आठ तक के छात्रों का असेसमेंट हुआ।
कक्षा एक से तीन तक के छात्रों का केवल गणित व भाषा और कक्षा चार से आठ तक के बच्चों के सभी विषयों का टेस्ट लिया गया। कक्षा एक से तीन तक की ओएमआर शीट छात्रों की ओर से प्रश्नों के जवाब देने पर शिक्षकों ने भरे । कक्षा चार से आठ तक के बच्चों ने खुद ओएमआर शीट भरी। इसके बाद उसे सरल एप पर स्कैन कर अपलोड करना था। सर्वर ठप होने से शिक्षक इसे अपलोड नहीं कर पाए।
शिक्षकों ने बताया कि सर्वर डाउन होने के चलते कई बार एप खुला ही नहीं। अगर खुलता तो ओएमआर शीट अपलोड नहीं हुई। शिक्षकों ने स्थान बदलकर भी प्रयास किया लेकिन अपलोड नहीं हुआ। उधर विभाग की ओर से बार-बार कहा जाता रहा कि अपलोड करने के बाद ही शिक्षकों को घर जाना है। अंत में जब सब हार गए तो शिक्षकों ने ओएमआर शीट बांट ली और अपने घर ले गए।
उधर कई शिक्षकों ने बताया कि उनके यहां पर प्रश्न पत्र कम थे, जिस वजह से एक प्रश्न पत्र से दो से तीन छात्रों का टेस्ट लिया। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि यह समस्या लखनऊ मंडल के सभी जिलों में रही। सभी विद्यालयों के शिक्षक ओएमआर शीट को अपलोड नहीं कर पाए। जबकि शिक्षकों को सख्त निर्देश दे दिए थे कि बिना अपलोड किए घर को जाना नहीं है। इस पर शिक्षकों ने आपत्ति भी जताई।
बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि जहां पर ओएमआर की स्कैनिंग कर अपलोड करने का कार्य पूरा नहीं हुआ है, वहां पर महानिदेशक विजय किरण आनंद ने कहा है कि घर पर अनिवार्य रूप से इस कार्य को पूर्ण कर लिया जाए।
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