CTET : निर्धारित सीटें फुल होने से परेशानी देखते हुए यूपी में 26 हजार सीटें बढ़ीं, शाम तक सब हुईं फुल, फिर से पड़ोसी राज्यों का भरना पड़ रहा विकल्प
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प्रयागराज : केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) के लिए निर्धारित सीट फुल होने के कारण अभ्यर्थियों को हो रही परेशानी को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में 26458 सीटें बढ़ाईं। हालांकि ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि गुरुवार से एक दिन पहले बढ़ाई गई। पहले यूपी के सभी 21 जिलों में कुल 5,02,748 अभ्यर्थियों की संख्या निर्धारित की गई थी। बुधवार को इसे बढ़ाकर 5,29,206 कर दिया गया। बढाई गईं सभी सीटें भी शाम सात बजे तक फुल हो गईं।
अब फिर से अभ्यर्थियों को पड़ोसी राज्यों मध्य प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान का विकल्प भरना पड़ रहा है। केंद्रीय और नवोदय विद्यालय आदि के साथ ही उत्तर प्रदेश की शिक्षक भर्ती में भी सीटीईटी मान्य है। सीबीएसई ने दिसंबर सत्र की सीटीईटी के लिए पहली बार जिलों में सीटों की संख्या निर्धारित कर दी है जिसके कारण परेशानी हो रही है।
लखनऊ में करीब छह हजार सीटों का इजाफा
यूपी में सर्वाधिक 110580 सीटें लखनऊ में थीं जिसे बढ़ाकर 116400 कर दिया गया है। प्रयागराज 43733 से 46035, वाराणसी में 65550 से 69000, कानपुर 46322 से 48760, गोरखपुर 44137 से 46460, मेरठ 38456 से 40480, गाज़ियाबाद 41690 से 43884, बरेली 15317 से 16123, नोएडा 11996 से 12627 जबकि आगरा में 24363 बढ़ाकर 24645 सीटें की गई हैं। अयोध्या, बलिया, बस्ती, बिजनौर, गाज़ीपुर, झांसी, लखीमपुर में भी सीटें बढ़ी हैं।
CTET : यूपी का कोटा पूरा, परीक्षा देने अब एमपी और दिल्ली जाएंगे अभ्यर्थी
● प्रयाग समेत यूपी के 21 जिलों में प्रस्तावित केंद्रों पर आवेदन की संख्या हुई पूरी
● उत्तर प्रदेश में नहीं मिल रहा केंद्र, मजबूरन दूसरे राज्यों के लिए कर रहे आवेदन
केंद्रीय और नवोदय विद्यालय समेत अन्य स्कूलों और उत्तर प्रदेश की शिक्षक भर्ती में मान्य केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) इस बार हजारों अभ्यर्थियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
इस बार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने जिलों के लिए परीक्षार्थियों की संख्या निर्धारित कर दी है। यानि निश्चित संख्या के बाद उस जिले में परीक्षा की सुविधा नहीं मिलेगी और दूसरे जिले या फिर राज्य का रुख करना पड़ेगा।
यूपी के लिए 21 जिलों में निर्धारित सीटों की संख्या सात दिन पहले ही पूरी हो चुकी है और अब अभ्यर्थियों के पास दूसरे राज्य में परीक्षा देने या फिर परीक्षा छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। केंद्रों का निर्धारण ‘पहले आओ पहले पाओ’ की नीति पर था इसलिए देरी से फॉर्म भरने वालों को सबसे अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
आठ दिन बाद ही फुल हो गई थीं बिहार की सीटें हालत यह है कि दिसंबर-जनवरी में ऑनलाइन माध्यम से प्रस्तावित परीक्षा के लिए पंजीकरण तो 24 नवंबर तक होने हैं, लेकिन यूपी ही नहीं मध्य प्रदेश के नजदीकी जिलों जैसे रीवा, जबलपुर और सतना की सीटें भी यहां के अभ्यर्थियों से फुल हो गई हैं। बिहार की निर्धारित संख्या 31 अक्तूबर को आवेदन शुरू होने के आठ दिन बाद सात नवंबर को ही पूरी हो गई थी।
जौनपुर के विकास और प्रमोद कन्नौजिया तीन दिन पहले सीटीईटी का फॉर्म भरने लगे तो पता चला की उत्तर प्रदेश के लिए निर्धारित संख्या पूरी हो चुकी है। अब परीक्षा देनी है तो दिल्ली या दूसरे किसी राज्य में जाना होगा। मजबूरन दोनों अभ्यर्थियों ने दिल्ली केंद्र चुना है। इसी प्रकार प्रयागराज की रागिनी शुक्ला ने कोटा (राजस्थान) से परीक्षा देने का विकल्प दिया है।
नैनी की श्वेता सिंह चार दिन पहले सीटीईटी का ऑनलाइन आवेदन भरने लगी तो यूपी में कोई सेंटर नहीं मिला। दूसरे राज्य जाने की बजाय उन्होंने इस बार परीक्षा नहीं देने का निर्णय लिया है। सलोरी की प्रिया पांडेय ने भी यूपी में केंद्र फुल होने पर इस बार सीटीईटी नहीं देने का निर्णय लिया। इसी तरह हजारों अभ्यर्थी सीटीईटी नहीं दे रहे हैं।
प्रदेश में लखनऊ में परीक्षा देंगे सर्वाधिक अभ्यर्थी
यूपी के 21 जिलों में सर्वाधिक 110580 अभ्यर्थी लखनऊ में परीक्षा में शामिल होंगे। वाराणसी में 65550, प्रयागराज 43733, गोरखपुर 44137, गाज़ियाबाद 41690, कानपुर 46322 और मेरठ में 38456 अभ्यर्थियों का पंजीकरण हो चुका है।