यूपी बोर्ड : डिबार विद्यालय के शिक्षकों का भी डाटा होगा ऑनलाइन
यूपी बोर्ड परीक्षा सत्र 2022-23 की तैयारियां तेज हो गई है। बोर्ड ने केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक और अन्य ड्यूटी से संबंधित शिक्षक व कर्मचारियों का डॉटा ऑनलाइन करने के साथ डिबार विद्यालयों के शिक्षकों का डाटा भी ऑनलाइन करने का फरमान जारी किया है।
बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षकों की ऑनलाइन ड्यूटी लगाई जानी है। ऐसे में अध्यापकों की नियुक्ति जिस कक्षा (हाईस्कूल अथवा इंटरमीडिएट) के लिए की गई है, चाहिए। उस कक्षा विषय के लिए निर्धारित विषय कोड के अनुरूप वेबसाइट पर अपडेट किया जाएगा। जो अध्यापक विद्यालय छोड़ चुके हैं या दिवंगत हो गए हैं। उनके नाम भी पोर्टल से डिलीट करने का निर्देश दिया गया है।
खास बात यह है कि विभिन्न कारणों से डिबार कर दिए गए विद्यालय के शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों का भी डाटा ऑनलाइन किया जाएगा। उन्हें पोर्टल के डाटा में डिबार श्रेणी में दर्शाया जाएगा। बोर्ड द्वारा जारी निर्देश में साफ किया गया है कि किसी भी अध्यापक का विवरण किसी भी दशा में दो विद्यालयों में अपलोड नहीं होना चाहिए।
प्रधानाचार्य अपने विद्यालय में कार्यरत अध्यापकों का डाटा फाइनल करने से पहले सुनिश्चित करेंगे कि उनके विद्यालय में कार्यरत अध्यापक किसी अन्य विद्यालय में भी पंजीकृत तो नहीं है। लापरवाही मिलने पर संबंधित प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यूपी बोर्ड 2023 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा की तैयारियां तेज, केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक एवं मूल्यांकन के लिए परीक्षकों की ऑनलाइन नियुक्ति के लिए ऑनलाइन मांगी गई सूचना
केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षकों का डाटा समय से अपडेट कराएं, यूपी बोर्ड परीक्षा -2023 के संबंध में बोर्ड सचिव ने जारी किए निर्देश
डिबार शिक्षकों, प्रधानाचार्यों का विवरण छिपाया तो होगी कार्रवाई
प्रयागराज। यूपी बोर्ड ने 2023 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा की तैयारियां तेज कर दी है। बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक एवं मूल्यांकन के लिए परीक्षकों की ऑनलाइन नियुक्ति के लिए बोर्ड से जुड़े 28 हजार से अधिक स्कूलों के प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों की सूचनाएं मांगी गई हैं। शिक्षकों के स्नातक-परास्नातक विषयों के विवरण के साथ पहली बार उनके शैक्षिक प्रमाणपत्रों को अपलोड करने को कहा गया है।
डिबार शिक्षक और प्रधानाचार्यों का ब्योरा देना होगा। परिषद की वेबसाइट पर डाटा अपलोड करने और अन्य प्रतिकूल स्थिति के लिए संबंधित प्रधानाचार्य जिम्मेदार होंगे।
बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि प्रधानाचार्यों के माध्यम से शिक्षकों की सूचनाएं दस दिसंबर तक बोर्ड के पोर्टल पर अपलोड करवा दें। उसके बाद पोर्टल पर ही परीक्षण करते हुए डीआईओएस 20 दिसंबर तक बोर्ड को फॉरवर्ड करेंगे।
विभिन्न कारणों से जिन शिक्षकों को डिबार किया गया है उन्हें पोर्टल पर डाटा में डिबार की श्रेणी में अनिवार्य रूप से दर्शाया जाए। स्कूलों में नवनियुक्त शिक्षकों का डाटा भी अनिवार्य रूप से अपडेट कर दिया जाए। शिक्षकों के विवरण बोर्ड के पोर्टल पर अपडेट करने की जिम्मेदारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों की है।
प्रयागराजः उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने अब बोर्ड परीक्षा में केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक एवं परीक्षक की ड्यूटी लगाने से पहले सभी माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों व प्रधानाचार्यों के डाटा आनलाइन अपडेट कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने प्रधानाचार्यों को 10 दिसंबर और जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) को 20 दिसंबर तक का समय दिया है। डाटा अपडेट / अपलोड के लिए परिषद की वेबसाइट को क्रियाशील कर दिया गया है। इसी डाटा के आधार पर बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा - 2023 में ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके पहले परीक्षा केंद्रों के जिओ लोकेशन, परीक्षार्थियों का शैक्षिक डाटा परिषद के पोर्टल पर अपडेट कराया जा चुका है।
जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजे पत्र में बताया गया है कि अध्यापकों की नियुक्ति जिस कक्षा (हाईस्कूल अथवा इंटरमीडिएट) के लिए की गई है उनके अध्यापन का विषय कोड अपलोड किया जाना है। विद्यालय छोड़ चुके या दिवंगत शिक्षकों के नाम पोर्टल से डिलीट किए जाने हैं। नवनियुक्त अध्यापकों का डाटा अवश्य अपलोड होना है।
कार्यरत किसी भी अध्यापक का विवरण छूटना नहीं चाहिए। डिबार शिक्षकों को पोर्टल पर डाटा डिबार श्रेणी में दर्शाया जाना चाहिए। किसी भी शिक्षक का विवरण दो विद्यालयों में अपलोड नहीं होना चाहिए। सभी अध्यापकों के अन्य विवरणों के साथ उनके स्नातक एवं परास्नातक स्तर के विषयों के स्पष्ट विवरण एवं शैक्षिक प्रमाणपत्रों को अपलोड कराया जाना आवश्यक है। कार्यरत अर्ह शिक्षकों का विवरण अपलोड कराने का दायित्व प्रधानाचार्य का है। प्रतिकूल स्थिति आने पर वही उत्तरदायी होंगे। विद्यालयों से डाटा अपलोड होने के बाद सीधे डीआइओएस के पोर्टल पर स्थानांतरित हो जाएगा। इसका परीक्षण कर डीआइओएस वांछित संशोधन के बाद पोर्टल पर सेव कर परिषद को फारवर्ड कराएंगे। इसी डाटा के आधार पर परीक्षा के दौरान और मूल्यांकन के समय ड्यूटी लगाई जाएगी।
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