सुप्रीम कोर्ट के फैसले से 69000 शिक्षक भर्ती के एक हजार अभ्यर्थियों के लिए नौकरी की राह खुली
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती में लगभग एक हजार अभ्यर्थियों के चयन का रास्ता साफ हो गया। इस भर्ती को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से दायर स्पेशल अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए हाईकोर्ट के 25 अगस्त 2021 के आदेश को सही ठहराया है।
नौ नवंबर के सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद एक नंबर से पास हो रहे तकरीबन एक हजार अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति मिलना तय माना जा रहा है।
69000 शिक्षकों की भर्ती के लिए छह जनवरी 2019 को आयोजित लिखित परीक्षा के परिणाम से असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने छह प्रश्नों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इनमें एक प्रश्न ऐसा था जिसके चारों विकल्प गलत थे।
प्रयागराज, परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती में लगभग एक हजार अभ्यर्थियों के चयन का रास्ता साफ हो गया। इस भर्ती को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से दायर स्पेशल अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए हाईकोर्ट के 25 अगस्त 2021 के आदेश को सही ठहराया है। नौ नवंबर के सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद एक नंबर से पास हो रहे तकरीबन एक हजार अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति मिलना तय माना जा रहा है।
असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने छह प्रश्नों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने 25 अगस्त 2021 के अपने आदेश में पांच प्रश्नों पर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया लेकिन उन अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित करने का आदेश दिया था, जिन्होंने उस प्रश्न को हल करने की कोशिश की थी जिसके चारों विकल्प गलत थे। शर्त यह थी कि ऐसे अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका की हो और एक नंबर से पास हो रहे हों। अधिवक्ता राहुल कुमार मिश्रा व विकास चंद्र शुक्ला के साथ ही एक नंबर से पास हो रहे दुर्गेश शुक्ला, रोहित शुक्ला, राम मिश्रा, प्रसून दीक्षित और विकास तिवारी ने नियुक्ति देने का अनुरोध किया है।
इस प्रश्न पर था विवाद
69000 शिक्षक भर्ती के प्रश्नपत्र में बुकलेट संख्या ए के प्रश्नसंख्या 60 में पूछा गया था-शैक्षिक प्रशासन उपयुक्त विद्यार्थियों को उपयुक्त शिक्षकों द्वारा समुचित शिक्षा प्राप्त करने योग्य बनाता है। जिससे वे उपलब्ध अधिक साधनों का उपयोग करके अपने प्रशिक्षण से सर्वोत्तम को प्राप्त करने में समर्थ हो सकें। यह परिभाषा दी गई है। इस प्रश्न के चारों विकल्प गलत थे। इसका सही जवाब ग्राहम बाल्फोर है। लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी के विशेषज्ञों ने वेलफेयर ग्राह्य को सही मान लिया था।
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