कायाकल्प विद्यांजलि पोर्टल के जरिए अब परिषदीय स्कूल देश-विदेश से ले सकेंगे दान
खास-खास
● किसी स्कूल को गोद लेकर, विद्यालय विकास कोष में दान देकर, अध्ययन सामग्री देकर या पथ प्रदर्शक बनकर भी सहयोग दिया जा सकेगा।
● पंजीकृत एनजीओ, विद्यालय के पुरा छात्र या परिजन, कोई व्यक्ति विशेष या व्यवसायी आदि सहयोग प्रदान कर सकेंगे।
प्रदेश के 1.50 लाख से अधिक परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों को अब दान मिल सकेगा। देश-विदेश के इच्छुक लोग दान कर सकेंगे। सामाजिक अथवा व्यक्तिगत सहयोग के माध्यम से स्कूलों में बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कायाकल्प विद्यांजलि पोर्टल की व्यवस्था लागू की जा रही है।
इसके तहत प्रत्येक जिले में सोसाइटी पंजीकृत की जा रही है। सोसाइटी का खाता राष्ट्रीयकृत बैंक में खोला जाएगा, जिसे पोर्टल से लिंक किया जाएगा। फिर पोर्टल के माध्यम से देश या विदेश से सीधे वित्तीय मदद भेजी जा सकेगी।
खास बात यह कि सभी प्रकार की दान संबंधी धनराशि पोर्टल के माध्यम से ही जमा की जाएगी। अब तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी। वित्तीय मदद प्राप्त करने के लिए कोई खाता न होने के कारण कोई दान करना भी चाहता था तो वह संभव नहीं हो पाता था।
खाते का संचालन मुख्य विकास अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाएगा। इस खाते से खर्च की जाने वाली राशि का उपभोग जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी सुनिश्चित करेगी।
कायाकल्प विद्यांजलि पोर्टल के जिला स्तर पर क्रियान्वयन के लिए डीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। शीघ्र ही सोसाइटी का पंजीकरण कराते हुए उसका अलग से खाता खुलवाया जाएगा, जिसमें देश-विदेश से वित्तीय सहायता प्राप्त की जा सकेगी। वर्तमान में सीधे वित्तीय मदद प्राप्त करने की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रवीण कुमार तिवारी, बीएसए प्रयागराज
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