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Sunday, November 27, 2022

पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में अब सिर्फ 9वीं व 10वीं के बच्चों को ही लाभ

पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में अब सिर्फ 9वीं व 10वीं के बच्चों को ही लाभ

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए अपनी प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों तक सीमित कर दिया है। पहले कक्षा 1 से 8 तक के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों को यह छात्रवृत्ति मिलती थी। 


सरकार ने इस संबंध में जारी नोटिस में कहा कि सरकार के लिए शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 प्रत्येक बच्चे को मुफ्त और प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करना अनिवार्य बनाता है। नोटिस में शिक्षण संस्थान के नोडल अधिकारी (आईएनओ)/ जिला नोडल अधिकारी (डीएनओ) / राज्य नोडल अधिकारी (एसएनओ) को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की प्री- मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत केवल कक्षा नौवीं और दसवीं के लिए आवेदनों को सत्यापित करने के लिए कहा गया है।


अब बेसिक के अल्पसंख्यक छात्रों को भी नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति

06 लाख गरीब अल्पसंख्यक छात्रों के लिए केंद्र सरकार से प्रतिवर्ष मिल रहे थे 275 करोड़ रुपये

05 तक के छात्रों को एक हजार व छह से आठ के छात्रों को मिल रहे थे चार-पांच हजार प्रतिवर्ष


लखनऊ : मदरसों में ही नहीं अब बेसिक के स्कूलों में भी पढ़ रहे अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को कक्षा आठ तक की छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत कक्षा आठ तक के बच्चों की शिक्षा मुफ्त होने पर एससी, एसटी व ओबीसी के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति पहले ही बंद हो गई थी लेकिन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए अब तक इसे बनाए रखा। 2016 में प्रदेश सरकार ने भी कक्षा आठ तक की अपनी छात्रवृत्ति बंद कर दी लेकिन केंद्र सरकार से मिल रही थी। पिछले वर्ष ही करीब छह लाख छात्र-छात्राओं को 275 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी गई। 


अब इस और ध्यान जाने पर केंद्र सरकार ने कक्षा एक से आठ तक के सभी अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की भी छात्रवृत्ति बंद कर दी है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित बैठक में कहा कि छात्रवृत्ति का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों की आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत छात्रों को पुस्तकें व कापी व अन्य शिक्षण सामग्री आदि के क्रय में सहायता प्रदान करना था । 


चूंकि अब कक्षा आठ तक के छात्र- छात्राओं से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है, इसलिए छात्रवृत्ति की प्रासंगिकता नहीं रह गई है। ऐसे में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने पूर्व दशम कक्षाओं में केवल कक्षा- नौ एवं 10 के छात्रों को ही छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है। हालांकि, जब अन्य वर्गों के कक्षा आठ तक के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति पहले ही बंद हो गई थी तब अल्पसंख्यक छात्रों को अब तक छात्रवृत्ति मिलने पर सवाल उठ रहे हैं। 


गौरतलब है कि कक्षा पांच तक के अल्पसंख्यक छात्रों को एक हजार जबकि कक्षा छह से आठ तक के छात्रों को चार से पांच हजार रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति मिल रही थी। बैठक में मंत्री ने वक्फ संपत्तियों की निगरानी और सुरक्षा तथा विभाग में सीधी भर्ती के रिक्त पदों को शीघ्र भरने के भी निर्देश दिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग, विशेष सचिव अनिल कुमार, निदेशक जे. रीभा, मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह, संयुक्त निदेशक आरके सिंह व एसएन पाण्डेय थे।



अब आठवीं तक के अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं, केंद्रीय अल्पसंख्यक विभाग ने जारी किया आदेश


अल्पसंख्यक विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है कि शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई मुफ्त है। विद्यार्थियों को अन्य जरूरी वस्तुएं भी दी जाती हैं। इसलिए सिर्फ नौवीं एवं दसवीं के विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति दी जाएगी और उन्हीं के आवेदन अग्रसारित किए जाएं


प्रयागराज : प्रदेश के मदरसों में अध्ययनरत कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति रोक दी गई है। यह निर्देश भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्णमुरारी के मुताबिक मंत्रालय के निर्देश में कहा गया है कि बेसिक स्कूलों की तरह ही इन मदरसों के छात्र-छात्राओं को भी दोपहर का भोजन, यूनिफार्म, किताब कापी भी निश्शुल्क दी जाती है। फीस भी नहीं ली जाती है। इसलिए अब छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी।


मदरसों में कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को हर साल एक हजार रुपये और कक्षा छह से आठ तक के छात्र - छात्राओं को 6500 रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से वजीफा मिलता था। 


कक्षा नौ से लेकर उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा लेने वाले इन विद्यार्थियों को पहले की तरह ही छात्रवृत्ति मिलती रहेगी। 




प्रयागराज । आठवीं तक के अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को अब केंद्रीय छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। केंद्रीय अल्पसंख्यक विभाग ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। अंतिम समय में हुए इस आदेश से मदरसा संचालकों में निराशा है।

केंद्र सरकार की ओर से प्री मैट्रिक योजना के अंतर्गत पहली से दसवीं तक के अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाती है। कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को एक वर्ष में एक हजार रुपये दिए जाते हैं। छठवीं से आठवीं तक के लिए छात्रवृत्ति की राशि अलग-अलग है।

इसके लिए 15 नवंबर तक आवेदन मांगे गए थे। संस्थानों की ओर से सत्यापन के बाद आवेदन फारवर्ड भी कर दिए गए हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय की ओर से अब इसकी हार्ड कॉपी की मांग की गई थी, लेकिन शनिवार को अचानक प्रक्रिया रोक दी गई।

संस्थान प्रतिनिधियों को बताया गया कि पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी। सिर्फ नौवीं एवं दसवीं के विद्यार्थियों के आवेदनों की ही हार्ड कॉपी जमा की जाए।

अल्पसंख्यक विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है कि शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई मुफ्त है। विद्यार्थियों को अन्य जरूरी वस्तुएं भी दी जाती हैं। इसलिए सिर्फ नौवीं एवं दसवीं के विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति दी जाएगी और उन्हीं के आवेदन अग्रसारित किए जाएं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्ण मुरारी का कहना है कि आदेश आया है। इसी के अनुसार आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

वहीं मऊआइमा स्थित मदरसा के प्रधानाचार्य शफीकुर्रहमान ने इस आदेश पर निराशा जताई है। उनका कहना है कि अभी जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से 24 नवंबर को ही पत्र लिखकर पहली से दसवीं तक के सभी विद्यार्थियों के आवेदनों की हार्ड कॉपी मांगी गई थी, लेकिन शनिवार को अचानक यह आदेश आ गया। यह निराश करने वाला है।

छात्रवृत्ति नहीं दी जानी थी तो पहले से इसकी सूचना होनी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय में छात्रवृत्ति बहाली की मांग का ज्ञापन सोमवार को सौंपा जाएगा।

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