उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षकों की शीघ्र होगी स्थाई नियुक्ति
यूपी सरकार ने सरकारी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षकों के पद सृजित करने के लिए राज्य माध्यमिक शिक्षा विभाग से प्रस्ताव मांगा है
कंप्यूटर शिक्षा लगभग 10 साल पहले पूरे उत्तर प्रदेश में सरकारी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में आईसीटी योजना के तहत शुरू की गई थी लेकिन उनके पास नियमित कंप्यूटर शिक्षक नहीं थे।
अब प्रदेश में पहली बार 4500 से अधिक सरकारी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में नियमित कम्प्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी.
इस घटनाक्रम से अवगत राज्य माध्यमिक शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने इन संस्थानों में कंप्यूटर शिक्षकों के पद सृजित करने के लिए राज्य माध्यमिक शिक्षा विभाग से प्रस्ताव मांगा है।
अपर निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) महेंद्र देव ने 21 अप्रैल को यूपी बोर्ड के सचिव को पत्र लिखकर इस संबंध में जानकारी मांगी है. अधिकारी ने कहा कि इससे पहले कभी भी इन स्कूलों में नियमित कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई।
पत्र के जवाब में अधिकारियों ने स्कूलों की सूची राज्य सरकार को भेज दी है। सूची में उन स्कूलों के नाम शामिल हैं जहां प्रत्येक जिले में कंप्यूटर विषय/शिक्षा को मान्यता दी गई है (हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के लिए अलग-अलग) और जहां विषय पढ़ाया जा रहा है। सरकार से पद सृजन की मंजूरी के बाद, नियुक्ति उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (UPSESSB) के माध्यम से की जाएगी, एक अधिकारी ने साझा किया।
कंप्यूटर शिक्षा लगभग 10 साल पहले पूरे उत्तर प्रदेश में सरकारी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में आईसीटी योजना के तहत शुरू की गई थी। प्रत्येक स्कूल को 10 कंप्यूटर देने के साथ-साथ निजी एजेंसियों से आउटसोर्स किए गए कंप्यूटर शिक्षकों को शुरू में 15,000 रुपये के मानदेय पर रखा गया था, लेकिन 5-विषम वर्षों के बाद पूरी पहल ठप हो गई। अधिकांश स्कूलों में कंप्यूटर लैब पिछले चार-पांच साल से बंद हैं। कुछ विद्यालयों में निजी शिक्षक हैं जिनका मानदेय छात्रों से एकत्रित धन से दिया जाता है।
माध्यमिक विद्यालयों में भी कमी
अधिकारी मानते हैं कि राज्य के 2200 से अधिक सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में भी कंप्यूटर शिक्षकों की कमी है। पहली बार एलटी ग्रेड (सहायक शिक्षक) भर्ती-2018 में कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पद विज्ञापित किए गए थे। कुल 1673 पदों में से, 898 पुरुषों के लिए और 775 स्कूल की लड़कियों की शाखा के लिए थे। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इस भर्ती का परिणाम 23 अक्टूबर, 2019 को जारी किया। लेकिन पुरुषों में सिर्फ 30 शिक्षक और महिलाओं में केवल छह शिक्षक सफल हुए, और बाकी पद खाली रहे।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा के महानिदेशक (डीजी) विजय किरन आनंद ने शुक्रवार को जीआईसी, जीजीआईसी, डीआईओएस कार्यालय, यूपी बोर्ड मुख्यालय और शिक्षा निदेशालय का औचक निरीक्षण किया।
कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में जो भी कमियां हैं उनको अलंकार योजना, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा योजना, स्मार्ट सिटी सहित अन्य योजनाओं से शीघ्र बेहतर किया जाएगा। कम्प्यूटर के शिक्षकों की माध्यमिक विद्यालयों में शीघ्र स्थाई नियुक्ति होगी, इसकी शासन स्तर पर तैयारियां शुरू हो गयी है।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को उत्साहित करने के लिए और उनको बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए विशेषकर गणित, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान और जीव विज्ञान के शिक्षकों का शीघ्र प्रशिक्षण शुरू होगा। कम्प्यूटर शिक्षकों की लंबे समय से स्थाई भर्ती नहीं हुई है, ऐसे में कम्प्यूटर शिक्षकों की स्थाई भर्ती शीघ्र शुरू होगी। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा और वहां से संस्तुति मिलते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि की यूपी बोर्ड मुख्यालय और शिक्षा निदेशालय के अलग-अलग अनुभागों में जो भी परेशानियां है उसको भी शीघ्र दूर किया जाएगा, इसके लिए कार्य योजना तैयार हो रही है।
महानिदेशक ने कहा कि खेलकूद और आर्ट क्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को बेहतर और पारदर्शी कराने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। जो भी परीक्षा केंद्र बनेंगे वह पारदर्शी और स्वच्छ छवि के होगे। कोई भी ब्लैक लिस्टेड या दागी छवि के विद्यालय परीक्षा केंद्र नहीं बनेगा। अगर कोई ऐसा परीक्षा केन्द्र बनता है या मामला प्रकाश में आता है तो सम्बंधित डीआईओएस और जेडी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के चारों शिक्षा निदेशक और बेसिक शिक्षा और बोर्ड के सचिव की शीघ्र स्थायी नियुक्ति होगी, इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
निरीक्षण के दौरान यूपी बोर्ड के सचिव दिव्य कांत शुक्ला, क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज की अपर सचिव विभा मिश्रा, सीएल चौरसिया, अनिल भूषण चतुर्वेदी, डीआईओएस पीएन सिंह, डीडीआर आर एन विश्वकर्मा, बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी, जीआईसी के प्रधानाचार्य बीके सिंह, जीजीआईसी की प्रधानाचार्या नीलम मिश्रा, डॉ रेखा राम सहित अन्य वरिष्ठ अफसर, शिक्षक मौजूद थे।
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