अब माध्यमिक स्कूलों में भी गणित-विज्ञान पर जोर, बनेगा राज्य स्तरीय रिसोर्स ग्रुप
लखनऊ : बेसिक शिक्षा की तरह अब माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में भी गणित, अंग्रेजी और विज्ञान पर जोर दिया जाएगा। इसका राज्य स्तरीय रिसोर्स ग्रुप बनाया जाएगा, जिसमें हर विषय के 50-50 शिक्षक शामिल होंगे। पढ़ाई को और दिलचस्प बनाने के लिए 10-10 कम्प्यूटर राजकीय स्कूलों में भेजे जाएंगे।
यूपी बोर्ड के कक्षा नौ से बारह तक पाठ्यक्रम के मुताबिक मौजूद ऑनलाइन कंटेंट को देखने-परखने और शिक्षकों की मदद के लिए यह टीम बनाई जाएगी। ये शिक्षकों का समूह राजकीय स्कूलों के शिक्षकों को पढ़ाने के तरीके बताएंगे, वहीं ऑनलाइन कंटेंट को परख कर अच्छी व सरल सामग्री को आगे भेजेंगे। स्कूलों में कम्प्यूटर की मदद से बच्चों को दिखा कर पढ़ाया जाएगा।
इसकी शुरुआत प्रदेश के 2200 राजकीय माध्यमिक स्कूलों से की जा रही है। बाद में इसे एडेड स्कूलों तक ले जाया जाएगा। ये एसआरजी प्रदेश के स्कूलों के अपने विषयों के एक्सपर्ट शिक्षकों से बनाया जाएगा। ये शिक्षक यह भी तय करेंगे कि इन विषयों में लर्निंग आउटकम की जांच किन बिन्दुओं पर की जाए और कैसे की जाए। अभी बेसिक शिक्षा के कक्षा एक से आठ तक के लिए मूल्यांकन प्रणाली तय कर दी गई है कि किस कक्षा में किस विषय के लर्निंग आउटकम क्या होंगे, मसलन कक्षा तीन के छात्र को न्यूनतम दो संख्या का जोड़-घटाना आना चाहिए।
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