अब कठिन शब्दों में नहीं उलझेंगे यूपी बोर्ड के बच्चे, हिन्दी से हिन्दी में बनाएंगे शब्दकोष
हिन्दी, उर्दू, संस्कृत समेत अन्य भाषाओं और व्यावसायिक विषयों की कक्षा नौ से 12 तक की किताबों की डिक्शनरी बनवा रहा बोर्ड
वर्तमान में कठिन और तकनीकी शब्दों का नहीं है कोई शब्दकोष
प्रयागराज। यूपी बोर्ड अपने 28 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्र - छात्राओं के लिए पहली बार डिक्शनरी बनवा रहा है। आज तक बोर्ड के स्तर से कठिन और तकनीकी शब्दों का कोई शब्दकोष तैयार नहीं कराया गया है। बोर्ड ने 2018 सत्र से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया था। इस समय यूपी बोर्ड में 34 विषयों में एनसीईआरटी की 67 किताबों से पढ़ाई हो रही है।
किताबें यूपी बोर्ड अपने स्तर पर तैयार कराता है। अब शासन ने एनसीईआरटी और नॉन- एनसीईआरटी किताबों में प्रयुक्त कठिन और तकनीकी शब्दों की डिक्शनरी बनवाने का निर्देश दिया है। हाईस्कूल में गणित और विज्ञान जबकि इंटर में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित आदि विषयों का शब्दकोष बनाने का काम लगभग पूरा हो गया है। इसके लिए नौ से 11 नवंबर तक बोर्ड मुख्यालय में कार्यशाला भी हो चुकी है। शब्दकोष तैयार होने के बाद इसे विषय समिति में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। उसके बाद यूपी बोर्ड से शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
हिन्दी से हिन्दी में बनाएंगे शब्दकोष
प्रयागराज । विषय विशेषज्ञों को हिन्दी से हिन्दी में शब्दकोष तैयार करने को कहा गया है। मूल शब्द के साथ कोष्ठक में उसके अंग्रेजी टर्म भी दिए जाएंगे। डिक्शनरी बच्चों को भौतिक रूप में कैसे और किस रेट पर उपलब्ध होगी, यह तो अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन एक बात तय है कि बोर्ड अपनी वेबसाइट पर इसे अपलोड करेगा जहां से बच्चों को इसका निःशुल्क पीडीएफ मिल सकेगा।
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