अब निजी विद्यालयों के छात्र भी बन सकेंगे NCC कैडेट, स्ववित्तपोषित योजना के तहत शुरू होगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
लखनऊ। प्रदेश के निजी माध्यमिक विद्यालयों के छात्र भी अब एनसीसी कैडेट बन सकेंगे। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पहले चरण में विभिन्न जिलों के उन विद्यालयों से प्रस्ताव मांगे हैं, जिन्होंने अपने छात्रों के प्रशिक्षण की इच्छा जताई थी। हालांकि प्रशिक्षण का खर्च निजी विद्यालयों को ही वहन करना होगा। इसके लिए एनसीसी मुख्यालय ने बजट प्रस्तावित किया है।
शासन के निर्देशानुसार निजी माध्यमिक विद्यालयों में स्ववित्तपोषित योजना के तहत एनसीसी प्रशिक्षण शुरू करने का निर्णय किया गया है। एनसीसी मुख्यालय व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद इसकी प्रक्रिया निर्धारित की गई है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. सरिता तिवारी के अनुसार वर्तमान में राजकीय व सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में एनसीसी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब स्ववित्तपोषित योजना के तहत हर साल 10 फीसदी निजी विद्यालयों में एनसीसी प्रशिक्षण शुरू करने की योजना है।
इस बाबत सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि जो वित्तविहीन विद्यालय स्वयं के खर्च पर एनसीसी प्रशिक्षण शुरू करना चाहते हैं, उनके प्रबंधकों से सहमति ली जाए। इन विद्यालयों का ब्योरा भी मांगा गया है। वहीं मंडलों को ऐसे विद्यालयों की सूची भी भेजी गई है, जिन्होंने एनसीसी निदेशालय में पूर्व आवेदन किया था, वह अभी लंबित है।
100 छात्रों के प्रशिक्षण पर खर्च होंगे सालाना पौने दस लाख रुपये
स्ववित्तपोषित योजना के तहत निजी विद्यालयों को सौ छात्रों के प्रशिक्षण पर लगभग पौने दस लाख रुपये सालाना खर्च करना होगा। इनमें 100 सेट यूनिफॉर्म पर 1.90 लाख, नाश्ते पर 3.82 लाख, दस माह के लिए सेवानिवृत्त सैनिक की तैनाती पर एक लाख रुपये का प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त कैंप के दौरान एनसीसी कैडेट्स पर करीब डेढ़ लाख रुपये व अन्य खर्च भी होंगे। वहीं एनसीसी कैडेट्स को और एक सेट यूनिफॉर्म की जरूरत होगी। पर, प्रस्तावित बजट में इसका खर्च नहीं जोड़ा गया है। एक सेवानिवृत्त सैनिक दो विद्यालयों के छात्रों को प्रशिक्षण देंगे। इस हिसाब से उन पर सालना दो लाख रुपये खर्च होंगे।
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