RTE लागू होने के 12 साल बाद भी शिक्षक तैनाती का नियम साफ नहीं
● परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों को लेकर ऊहापोह
● तबादला प्रस्ताव में भी विषय को लेकर स्थिति साफ नहीं
● उच्च प्राथमिक के लिए स्नातक में विषय की बाध्यता
● बेसिक शिक्षा परिषद आज तक नहीं बना सका नियम
● प्रमोशन में टीईटी की अनिवार्यता पर विभाग ने नहीं की स्थिति साफ
प्रदेश के 45 हजार से अधिक परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में 12 साल बाद भी शिक्षकों की तैनाती का नियम नहीं बन सका है। इस वजह से आरटीई के अनुसार कक्षा छह से आठ तक के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 23 अगस्त 2010 को जारी अधिसूचना में शिक्षकों की तैनाती के संबंध में गाइडलाइन दी गई थी लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारी उसे आज तक लागू नहीं कर सके हैं।
नियमों के अनुसार कक्षा छह से ऊपर पढ़ाने के लिए वही अध्यापक पात्र होते हैं जिन्होंने संबंधित विषय को स्नातक स्तर पर पढ़ा हो। (यहां यह साफ करना जरूरी है कि इंटर योग्यता पर भर्ती शिक्षकों के मामले में इंटर में लिए विषयों के अनुसार इसे जोड़ा जाएगा।)
उदाहरण के लिए यदि किसी शिक्षक को प्राथमिक से उच्च प्राथमिक विद्यालय में सामाजिक विज्ञान के पद पर पदोन्नति पाना है तो उसे इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्रत्त् एवं राजनीति विज्ञान विषयों में से किन्हीं दो विषय स्नातक स्तर पर पढ़ा होना चाहिए। इसी तरह अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत विज्ञान एवं गणित के पद पर पदोन्नति के लिए अध्यापकों को संबंधित विषय स्नातक स्तर पर पढ़ा होना चाहिए।
लेकिन परिषदीय प्राथमिक से उच्च प्राथमिक विद्यालय में पदोन्नति में विषयों का ध्यान नहीं रखा जाता। अभी 14 अक्तूबर को परिषदीय शिक्षकों के अंतजनपदीय स्थानांतरण एवं समायोजन के लिए जारी आदेश में प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक पद पर प्रतिस्थापित करने की बात लिखी है। लेकिन इसमें एनसीटीई से निर्धारित न्यूनतम योग्यता पूरी करने का उल्लेख नहीं है।
प्रमोशन में टीईटी की अनिवार्यता पर विभाग ने अब तक नहीं की स्थिति साफ
प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों के उच्च प्राथमिक स्कूलों में प्रमोशन को लेकर भी स्थिति साफ नहीं है। पूर्व में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दीपक शर्मा बनाम उत्तर प्रदेश सरकार एवं हाल ही में मद्रास उच्च न्यायालय ने आर शक्तिवेल बनाम तमिलनाडु सरकार के मामले में यह निर्णय दिया है कि प्राथमिक से उच्च प्राथमिक विद्यालय में पदोन्नति के लिए उच्च प्राथमिक विद्यालय स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास होना अनिवार्य है। लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग अब तक इस स्थिति को साफ नहीं कर सका है कि प्रमोशन में टीईटी अनिवार्य है या नहीं।
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