पहले वर्ष के बाद विषय बदल सकेंगे छात्र
◆ विषय बदलने वालों के लिए 10 या अधिक अतिरिक्त सीट होंगी
नई दिल्ली : उच्च शिक्षा में आगामी बदलाव के तहत लाए गए चार वर्षीय स्नातक कोर्स में नामांकन कराने वाले छात्रों को प्रथम वर्ष के बाद विषय बदलने का मौका मिलेगा।
छात्र प्राकृतिक विज्ञान, भौतिक विज्ञान, गणित, सांख्यिकी, कंप्यूटर साइंस, पुस्तकालय विज्ञान, सूचना और मीडिया, कॉमर्स और प्रबंधन के अलावा मानविकी (ह्यूमैनिटीज) और सोशल साइंस में से किसी भी विषय को बदलकर किसी विषय का विकल्प चुन सकते हैं। इस तरह के आसन्न बदलाव को देखते हुए उच्च शिक्षण संस्थान कुल स्वीकृत सीट का 10 तक या जरूरत पड़ने पर ज्यादा सीट भी सृजित कर सकते हैं।
यूजीसी के सूत्रों के मुताबिक, संबंधित विषय की खाली सीट को भी बदलाव चाहने वाले छात्रों से भरा जा सकता है। हालांकि उन छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनका सीजीपीए अधिकतम होगा। यूजीसी द्वारा प्रस्तुत रूपरेखा में सेमेस्टर 3 और 4 में यानि दूसरे साल में छात्र अपनी रुचि के विषयों का नए सिरे से चुनाव अपने करियर और भविष्य के लिहाज से कर सकते हैं। छात्र अपनी भाषिक क्षमता (लैंग्वेज स्किल) को मजबूत करने के लिए भी कोर्स का विकल्प चुन सकते हैं। इसमें कौशल से जुड़े विषय व व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए भी विकल्प चुनने के अवसर होंगे।
पांचवें और छठे सेमेस्टर में छात्र उच्च स्तर के पाठ्यक्रम का अध्ययन करेंगे, जिसका मकसद संबंधित विषय में गहराई से ज्ञान का अवसर उपलब्ध कराना है। ज्यादा विकल्प के साथ चार वर्षीय स्नातक प्रोग्राम का ढांचा इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे छात्र अपनी रुचि के साथ समाज और उद्योग की जरूरतों को भी पूरा कर सकें।
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