नियमावली संशोधन में फंसी संस्कृत शिक्षक भर्ती, संशोधन के चयन बोर्ड के प्रस्ताव पर शासन का रुख स्पष्ट नहीं
प्रयागराज : प्रदेश के संस्कृत विद्यालय एक तरफ शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं तो दूसरी तरफ अधियाचन भेजे जाने के बाद भी भर्ती नहीं हो पा रही है। संस्कृत विद्यालयों की भर्ती उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से कराए जाने के लिए नियमावली संशोधन के प्रस्ताव पर शासन ने अब तक कुछ स्पष्ट नहीं किया है। इस कारण चयन बोर्ड के पास सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक पदों पर भर्ती के लिए मिला अधियाचन लंबित है।
संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों का चयन विद्यालय अब तक प्रबंध समिति करती रही है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहली बार की सरकार में इन शिक्षकों की भर्ती माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से कराए जाने की योजना बनी।
उद्देश्य यह कि योग्य शिक्षकों का चयन हो सके, जिससे विद्यालयों में बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके। इसके लिए चयन बोर्ड को अपनी नियमावली में संशोधन करना जरूरी था, जिसके लिए चयन बोर्ड ने संशोधन का प्रस्ताव मंजूरी के लिए शासन को भेजा। काफी समय तक स्थिति स्पष्ट नहीं किए जाने पर चयन बोर्ड ने दो बार स्मरण ( रिमाइंडर ) पत्र भी भेजा, लेकिन शासन ने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिल सका है।
इधर, संस्कृत विद्यालयों में भर्ती करने के लिए उप शिक्षा निदेशक (संस्कृत) सीएल चौरसिया ने सहायक अध्यापक के 978 और प्रधानाध्यापक के 304 पदों के लिए अधियाचन भेजा था, चयन बोर्ड को अब तक भर्ती करने के संबंध में शासन के निर्णय की प्रतीक्षा है। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अवरुद्ध है और विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
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