कॉपी और स्टेशनरी 50 फीसदी तक हुई महंगी, अभिभावक परेशान, नए सत्र में जेब पर पड़ेगा अधिक भार, दोगुने हुए दाम
लखनऊ । कोरोना के बाद इस नए शैक्षिक सत्र 2023-24 में पढ़ाई काफी महंगी हो जाएगी। स्कूल के कोर्स की किताबों के बाद अब कॉपी, पेंसिल, रबड़, पेन से लेकर अन्य स्टेशनरी तक 40 से 45 फीसदी तक महंगे हैं। इससे अभिभावकों की जेब पर बच्चों की पढ़ाई को लेकर काफी अधिक भार पड़ेगा।
जीएसटी की अलग-अलग स्लैब दरों से दाम में इजाफा हुआ है। अमीनाबाद की थोक मंडी अभी से गुलजार हो गई है। यहां से प्रदेश भरमें स्टेशनरी और पुस्तकों की आपूर्ति होती है। बड़े कारोबारियों का कहना है कि पिछले दो-तीन साल तक ऑनलाइन शिक्षा से व्यापार ठप सा था। इस बार रौनक है। दूसरे शहरों से दुकानदार खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं।
स्कूलों में प्रकाशकों की पुस्तकें मनमाने रेट पर मिलने के साथ दाम बढ़ गए हैं। किताबों पर एनईपी का स्टिकर लगाकर कंटेंट बदल दिया है। ब्रांडेड से लोकल कॉपियां महंगी हो गई हैं।
आम तौर से एक शैक्षिक सत्र में कागज, इंक से लेकर सभी उत्पाद 70 से 100 फीसदी तक महंगे हो गए। सीएनजी, डीजल के दाम बढ़ने से भाड़ा अधिक हो गया है। दो साल कोरोना में नुकसान के कारण पूंजी घट गई है। स्कूली बस्ता 40 फीसदी तक महंगा है। -जितेंद्र सिंह चौहान, अध्यक्ष स्टेशनरी निर्माता विक्रेता एसोसिएशन
कच्चा माल की दर और लागत बढ़ी है। बड़े उद्योगपतियों ने अनियंत्रित तरीके से बढ़ोतरी की है। उत्पादों पर कर भी अलग-अलग है। इससेे भी दरों में इजाफा हुआ है। कुछ आइटम में तो रेट दोगुना हो गए। कुछ पांच या 10 के पैक में रिटेल में मिलती थी। वह बंद हो गए। -विशाल गौड़, महामंत्री स्टेशनरी विक्रेता एवं निर्माता एसोसिएशन
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