उच्च शिक्षा निदेशालय को लखनऊ भेजने के आदेश के खिलाफ प्रदर्शन, निदेशालय के नाराज अधिकारियों और कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, प्रमुख सचिव व निदेशक को भेजा पत्र, आंदोलन की चेतावनी
प्रयागराज : शैक्षिक नगरी प्रयागराज से उच्च शिक्षा निदेशालय को लखनऊ स्थानांतरित करने के प्रयास का मामला तूल पकड़ने लगा है। न सिर्फ निदेशालय के अधिकारी व कर्मचारियों में बल्कि शहर के प्रबुद्धजन भी इस खबर से आहत व नाराज हैं।
निदेशालय कर्मियों ने मंगलवार को धरना-प्रदर्शन किया। नारेबाजी कर आंदोलन की चेतावनी दी। शिक्षा निदेशालय मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ ने बैठक की। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एवं निदेशक उच्च शिक्षा को पत्र लिखकर निदेशालय को प्रयागराज में ही रखने की मांग की। संघ के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार और मंत्री प्रदीप कुमार सिंह की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि वर्ष 2009 में भी ऐसा ही प्रयास किया गया था, तब विरोध होने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव ने मामले में हस्तक्षेप कर स्पष्ट किया था कि निदेशालय प्रयागराज में ही रहेगा। कर्मचारियों का कहना है कि निदेशालय को लखनऊ में प्रतिस्थापित किए जाने का आदेश तत्काल निरस्त नहीं किया गया तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
काली पट्टी बांधकर की नारेबाजी
माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने मंगलवार को बालसन चौराहे पर बांह पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। संघ के संरक्षक डॉ. हरिप्रकाश यादव ने कहा कि इस मुद्दे पर जनप्रतिनिधियों का घेराव किया जाएगा और व्यापक स्तर पर आंदोलन होगा। उपेंद्र वर्मा ने कहा कि शासन स्तर के अधिकारी प्रयागराज की धरोहरों को समाप्त करने का कुचक्र रच रहे हैं। प्रदर्शन में मोहम्मद जावेद, देवराज सिंह, अरुण सिंह, दिनेश कुमार, विनोद सिंह आदि शामिल रहे।
प्रतियोगी छात्रों की जेब पर पड़ेगा असर
शिक्षा का केंद्र कहे जाने वाले प्रयागराज में प्रतियोगी छात्रों की संख्या अधिक है। भर्तियों देरी व अनियमितता की शिकायत लेकर वह निदेशालय में शिकायत दर्ज कराते थे लेकिन लखनऊ स्थानांतरण होने पर उन्हें लखनऊ जाने के लिए किराया, खाने, पीने का अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा। वहीं, निदेशालय के बगल में दुकानें लगा कई परिवार जीविकोपार्जन कर रहे हैं। उन पर भी इसका असर पड़ेगा।
लखनऊ जाएगा उच्च शिक्षा निदेशालय, वायरल हुए एक शासनादेश ने फिर से मचाई खलबली
बेसिक शिक्षा परिषद को भी लखनऊ शिफ्ट करने की हुई थी कोशिश, हुआ था जबरजस्त विरोध
प्रयागराज। पिछले साल बेसिक शिक्षा परिषद को भी लखनऊ शिफ्ट किए जाने का प्रयास हुआ था, लेकिन इसका जबर्दस्त विरोध हुआ था।
शिक्षा निदेशालय मिनिस्टीरियल कार्णिक संघ के प्रदेश महामंत्री प्रदीप कुमार सिंह का कहना है कि प्रयागराज जिन कार्यालयों की वजह से जाना जाता है, उसमें उच्च शिक्षा निदेशालय भी शामिल है। अगर उच्च शिक्षा निदेशालय यहां से गया तो बेसिक शिक्षा परिषद एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भी लखनऊ शिफ्ट करने में देर नहीं लेगी। इसका विरोध होगा। मंगलवार को निदेशालय में धरना- प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रयागराज : नए साल के जश्न के बीच सोमवार की शाम सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक शासनादेश ने शहरियों को मायूस कर दिया। यह आदेश उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र की ओर से उच्च शिक्षा के निदेशक को भेजा गया है। जिसमें उनसे उच्च शिक्षा निदेशालय को लखनऊ स्थानांतरित करने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को तत्काल उपलब्ध कराने को कहा गया है।
शासनादेश में उन्होंने स्पष्ट किया है कि शासकीय कार्यहित में उच्च शिक्षा निदेशालय प्रयागराज को स्थानांतरित कर लखनऊ में प्रतिस्थापित करने के निर्देश उच्च स्तर से प्राप्त हुए हैं। निदेशक से कहा गया है कि इस मामले में सुस्पष्ट और सुविचारित प्रस्ताव तैयार कर तत्काल उपलब्ध कराएं।
उच्च शिक्षा निदेशालय को लखनऊ स्थानांतरित करने की कोशिश पूर्व में भी हो चुकी है लेकिन विरोध के कारण ऐसा नहीं हो सका था। 24 अप्रैल 2009 को शासन के अनु सचिव आरके मिश्र ने इस बारे में आदेश जारी किया था। जिसका शिक्षा निदेशालय मीनिस्ट्रीरियल कर्मचारी संघ ने जमकर विरोध किया था। इस कारण प्रक्रिया रोकनी पड़ी थी। इस बार जारी आदेश की भाषा से लोग डरे हुए हैं क्योंकि इसमें लिखा है कि निर्देश उच्च स्तर से प्राप्त हुए हैं। इस बारे में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज का कहना है कि शासन से पत्र मिला है, इसी सप्ताह प्रस्ताव तैयार कर भेज दिया जाएगा।
दफ्तर स्थानांतरित न करने का आदेश जारी कराएं मंत्री
प्रयागराज : उच्च शिक्षा निदेशालय को लखनऊ स्थानांतरित करने के वायरल शासनादेश ने खलबली मचा दी है। इस पर प्रतिक्रियाएं भी होने लगीं। कर्मचारी नेता सुभाष चंद्र पांडेय का कहना है कि प्रयागराज से जुड़े प्रदेश सरकार के मंत्री लगातार कहते हैं कि प्रयागराज से कोई दफ्तर स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।
इस बयानबाजी के बीच पुलिस मुख्यालय यहां से चला गया। बाकी दफ्तरों को भी लखनऊ ले जाने की कोशिश समय-समय पर होती रहती है। उनकी मांग है कि बयान देने के बजाए प्रदेश सरकार स्पष्ट शासनादेश जारी करे कि प्रयागराज में स्थित प्रदेशस्तरीय महत्वपूर्ण दफ्तरों को कभी स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।
प्रदर्शन आज
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट की बैठक जिला अध्यक्ष मो. जावेद की अध्यक्षता में सोमवार को हुई, जिसमें उच्च शिक्षा निदेशालय को लखनऊ स्थानांतरित करने को लेकर भारी आक्रोश व्यक्त किया गया। प्रदेश संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा निदेशालय स्थानांतरित करना प्रयागराज की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करना है।
एमएलसी प्रत्याशी उपेंद्र वर्मा ने कहा कि आदेश का मंगलवार को दोपहर 12 बजे विरोध किया जाएगा। वरिष्ठ शिक्षक नेता सुरेश पासी, सुरेंद्र प्रताप सिंह, तीरथ राज पटेल, मिथिलेश मौर्य, देवराज सिंह, विवेक पांडेय, अश्वनी कुमार, अरुण कुमार, विजय सिंह, नरेंद्र सिंह, देवी प्रसाद यादव आदि मौजूद रहे।
प्रयागराज से नहीं जाने दिया जाएगा दफ्तर : डिप्टी सीएम
उच्च शिक्षा निदेशालय को प्रयागराज से लखनऊ स्थानांतरित करने के मसले पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि इस महत्वपूर्ण कार्यालय को प्रयागराज से जाने नहीं दिया जाएगा।
शिक्षकों और प्रतियोगी छात्रों ने शुरू किया विरोध
प्रयागराज । शिक्षकों और प्रतियोगी छात्रों ने उच्च शिक्षा निदेशालय को लखनऊ प्रतिस्थापित करने का विरोध शुरू कर दिया है। इससे पूर्व वर्ष 2009 में भी उच्च शिक्षा निदेशालय को लखनऊ शिफ्ट किए जाने की कोशिश की गई थी, लेकिन व्यापक स्तर पर विरोध होने के कारण निदेशालय को शिफ्ट नहीं किया जा सका था। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया ) राज्य विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री डॉ. पीके पचौरी का कहना है कि शासन का यह प्रयास प्रयागराज की पहचान से खिलवाड़ है। प्रदेश स्तरीय तमाम दफ्तर लखनऊ शिफ्ट किए जा चुके हैं।
No comments:
Write comments