प्रयोग कराए नहीं,अब रिकार्डिंग से कतरा रहे स्कूल, यूपी बोर्ड के कैमरों की निगरानी में प्रैक्टिकल के आदेश से स्कूलों में असमंजस, कहीं लैब तो कहीं संसाधन नहीं
लखनऊ : यूपी बोर्ड से संचालित माध्यमिक विद्यालयों में सालभर 12वीं के प्रयोग कराए नहीं गए और अब सीसी कैमरे की बीच प्रैक्टिकल कराने के आदेश से स्कूलों की हालत खस्ता है। कोई भी स्कूल इस व्यवस्था के तहत प्रैक्टिकल कराने के लिए तैयार नहीं हैं। कमोबेश ऐसी ही स्थिति पूरे प्रदेश की है।
प्रदेश के कई जिलों के माध्यमिक विद्यालयों में प्रैक्टिकल लगभग बंद है। कई स्कूलों में लैब नहीं है, तो जहां लैब है वहां उपकरण टूट फूट गए हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने पहली बार 12वीं की प्रायोगात्मक परीक्षा पर नजर रखने के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की निगरानी और सीसी कैमरे की रिकॉर्डिंग डीबीआर में सुरक्षित रखने के आदेश दिए हैं।
पड़ताल में पता चला कि 50 से अधिक स्कूलों के 12वीं के बच्चे साल भर में कभी लैब नहीं गए। अब जब रिकार्डिंग की बारी आयी तो इन्हें पोल खुलने का डर सताने लगा है। कुछ स्कूलों ने जरूर पहल की है। इनके प्रबंधक और प्रधानाचार्य बाजार से स्केल, परखनली, ट्यूब, कुछ जरूरी केमिकल समेत फिजिक्स, बायो, केमिस्ट्री के पोस्टर, जरूरी उपकरण बाजार से खरीदकर लैब तो सजा दी है, लेकिन बच्चों को प्रैक्टिकल के तरीके ही नहीं पता हैं। लखनऊ में यूपी बोर्ड से 758 स्कूल संचालित हो रहे हैं। इस बार इंटरमीडिएट में 46 हजार बच्चे परीक्षा देंगे। भौतिक, रसायन, जन्तु, वनस्पति, कृषि समेत आर्ट के विषयों के प्रैक्टिकल शामिल हैं।
सुलतानपुर
सेक्टर मजिस्ट्रेट की देखरेख में परीक्षा होगा। राउटर डिवाइस सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। जो संसाधन कम है, उसे पूरा कराने का निर्देश दिया गया है।
गोरखपुर
जिले में कुल इंटर कालेज 308 हैं इसमें 220 केंद्र बनाए गए हैं, सभी परीक्षा केंद्र में सीसीटीवी कैमरे हैं। सभी जगह लैब हैं लेकिन 115 में जर्जर हालत है।
मेरठ
जिले में 400 से अधिक विद्यालय हैं। 30 से अधिक के 12वीं के बच्चे साल भर में कभी लैब नहीं गए। डीआईओएस ने कहा कि केंद्रों पर सीसीटीवी व वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा की गई है।
कानपुर
कुल 511 कॉलेजों में से 20 में लैब नहीं है। 200 से ज्यादा में एक भी दिन प्रैक्टिकल नहीं हुए। 250 कालेजों में बेहतर लैब है और प्रैक्टिकल हुए हैं। कन्नौज 52, फतेहपुर 53, हरदोई 321, इटावा 64, उरई 80, फर्रुखाबाद के 102 स्कूलों में लैब नहीं है।
बरेली
बरेली में 285 केंद्र हैं। सभी में सीसीटीवी कैमरे और वॉइस रिकॉर्डर हैं। राजकीय हाई स्कूल क्यारा व अलीनगर केंद्र में लैब नहीं है। शाहजहांपुर के 15 स्कूलों में व्यवस्थाएं अधूरी हैं। बदायूं, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी में सभी स्कूल अपडेट हैं।
आगरा
कुल 905 विद्यालयों में से 350 में लैब के नाम पर खाली कक्ष हैं। रसायन लैब में केमिकल नहीं तो बॉटनी में उपकरण नहीं हैं। मैनपुरी, एटा व कासगंज में कई बच्चे बिना प्रयोग करे परीक्षा देंगे। कई विद्यालय संचालक रिकार्डिंग से काम चलाएंगे।
प्रयागराज
जिले में तीन दर्जन राजकीय इन्टर कॉलेज, 181 सहायता प्राप्त विद्यालय व 850 से अधिक वित्तविहीन विद्यालय हैं। राजकीय विद्यालयों में प्रयोगशाला ठीक स्थिति में हैं पर आधे से अधिक एडेड कॉलेजों में प्रयोगशाला की स्थिति अच्छी नहीं है।
मुरादाबाद
मंडल में आधी-अधूरी तैयारियों के बीच प्रायोगिक परीक्षाएं होंगी। मुरादाबाद में बिना कैमरे वाले स्कूल केंद्र नहीं हैं। रामपुर,संभल अमरोहा के सौ से ज्यादा स्कूलों में कैमरे नहीं है। अफसर बोले रहे कि ऐसे स्कूलों में शिक्षक फोन से वीडियो अपलोड करेंगे।
बनारस
कुछ वित्तविहीन विद्यालयों में लैब की समस्या है। सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। ऐसे स्कूलों की प्रायोगिक परीक्षा दूसरे स्कूलों में होगी। डीआईओएस ने बताया कि परीक्षा रिकॉर्डिंग के बीच होगी। चंदौली, मऊ व आजमगढ़ में लैब नहीं है।
स्कूलों में प्रैक्टिकल लैब दुरुस्त करने के लिए अक्तूबर में सभी प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया था। इस बार इंटरमीडिएट प्रैक्टिकल कैमरे की निगरानी में होंगे। सेक्टर मजिस्ट्रेट इन स्कूलों में प्रैक्टिकल पर नजर रखेंगे। -राकेश पाण्डेय, डीआईओएस, लखनऊ
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