ऑफिस नहीं तो अफसरों को ही शिफ्ट कर रहे लखनऊ, अब सहायक शिक्षा निदेशक पत्राचार को लखनऊ कर दिया गया अटैच
● बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव दो साल से लखनऊ में ही डटे
● अपर शिक्षा निदेशक भी लखनऊ में रहकर काम देख रहे
● तीन साल में दो बार फेल हुई ऑफिस शिफ्ट करने की साजिश
प्रयागराज : कर्मचारियों के विरोध और राजनीतिक दबाव के कारण सरकारी कार्यालयों के प्रयागराज से लखनऊ शिफ्ट न कर पाने पर अब अफसरों को ही राजधानी भेजा जाने लगा है। आलम यह है कि कई अधिकारी सालों से अपने प्रयागराज स्थित कार्यालय में नहीं बैठ रहे और लखनऊ कैंप कार्यालय से सारे काम कर रहे हैं। सहायक शिक्षा निदेशक (पत्राचार) प्रयागराज के पद को शिक्षा निदेशालय (शिविर कार्यालय) लखनऊ शिफ्ट कर दिया गया है।
शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने प्रयागराज से लखनऊ अटैच किए गए सहायक शिक्षा निदेशक (पत्राचार) को 16 जनवरी को कार्य आवंटन भी कर दिया। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल जुलाई 2020 में इस पर नियुक्ति पाने के बाद से लगातार लखनऊ में ही बैठ रहे हैं।
पांच लाख से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों को देखने वाले इस महत्वपूर्ण कार्यालय पर पिछले ढाई साल से सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां से सारी फाइलें लखनऊ अनुमोदन के लिए जाती हैं। अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) डॉ. महेन्द्र देव को नौ नवंबर को शिक्षा निदेशक का अतिरिक्त प्रभार मिलने के बाद से वह भी लखनऊ में ही बैठ रहे हैं।
शिक्षा निदेशालय प्रयागराज के उनके कार्यालय पर दो महीने से अधिक समय से ताला लगा है। इसके अलावा अपर निदेशक (राजकीय) केके गुप्ता भी लखनऊ में ही बैठते हैं। वर्तमान में शिक्षा निदेशालय प्रयागराज के सारे महत्वपूर्ण निर्णय लखनऊ से लिए जा रहे हैं।
शिक्षा निदेशालय में जिम्मेदार अफसर नहीं बैठ रहे हैं। इससे यहां के कर्मचारियों को बार-बार लखनऊ दौड़ना पड़ता है। इस समस्या को सरकार के संज्ञान में लाया गया है। यदि अफसरों ने अपने मूल कार्यालय में बैठना शुरू नहीं किया तो आंदोलन करेंगे। -प्रदीप सिंह, मंत्री शिक्षा निदेशालय मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ
तीन साल में दो बार फेल हुई ऑफिस शिफ्ट करने की साजिश
प्रयागराज : संगमनगरी से शिक्षा विभाग के महत्वपूर्ण कार्यालयों को लखनऊ शिफ्ट करने की तीन साल में दो साजिशें फेल हो गई। विशेष सचिव डॉ. अखिलेश कुमार मिश्रा ने 30 दिसंबर 2022 को उच्च शिक्षा निदेशालय कार्यालय को लखनऊ प्रतिस्थापित करने का प्रस्ताव मांगा था।
हालांकि कर्मचारियों के विरोध और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के हस्तक्षेप पर प्रक्रिया रोकनी पड़ी। इससे पहले 24 फरवरी 2020 को अपर मुख्य सचिव बेसिक रेणुका कुमार ने शिक्षा निदेशालय स्थित बेसिक शिक्षा परिषद व इसके वित्त नियंत्रक कार्यालय के साथ ही खंड शिक्षाधिकारियों व लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों के सेवा प्रकरण संबंधी अनुभाग को साक्षरता निदेशालय लखनऊ स्थानान्तरित करने का आदेश जारी किया था।
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