हर विद्यालय को स्मार्ट क्लास और टैबलेट की मिलेगी सुविधा
राज्यमंत्री बोले- प्राइमरी स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की दी जाएगी जानकारी
लखनऊ। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा है कि बदलते दौर में शिक्षा का स्तर तेजी से बढ़ा है। शिक्षा के माध्यम तेजी से बदले हैं। ऐसे में नवाचारों की बहुत जरूरत है। हर विद्यालय में स्मार्ट क्लास और टैबलेट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसकी शुरुआत भी हो गई है, कई जगह स्मार्ट क्लास बन गई हैं।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से मंगलवार को आयोजित विद्यालयी शिक्षा में गुणवत्ता संवर्धन हेतु नवाचार विषयक कार्यशाला को वे संबोधित कर रहे थे।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में जुटे प्रदेश भर के डायट प्राचार्यों, इंटर कॉलेज के प्राचार्यों व शिक्षकों से उन्होंने कहा कि अभी तक बच्चा सिर्फ विद्यालय में सीखता समझता था। अब दौर बदल रहा है, विद्यार्थियों के पास स्मार्टफोन हैं, तकनीक है। ऐसे में शिक्षक उनको सही दिशा दें। प्राइमरी स्कूलों में भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की भी जानकारी दी जाएगी, जो आज की जरूरत है। नई शिक्षा नीति में शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। कार्यशाला में संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान, उप शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष दुबे, डायट प्राचार्य, शिक्षक, खंड शिक्षा अधिकारी, राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य उपस्थित रहे।
पांच डायट बन रहे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
एससीईआरटी निदेशक डॉ. अंजना गोयल ने बताया कि प्रदेश के पांच डायट को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है। बनारस, गोरखपुर, मेरठ, अलीगढ़, झांसी डायट में काम तेजी से चल रहा है। डायट में शैक्षिक नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए डायट स्तर पर फरवरी में शैक्षिक नवाचार महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
मुख्य वक्ता आईआईएम अहमदाबाद के प्रो. कथन शुक्ला ने बताया कि उनके यहां एक स्कूल की शिक्षिका ने छात्रों के लिए पोर्टेबल लाइब्रेरी की सुविधा शुरू की थी। जिसमें वह एल्युमिनियम के बॉक्स में छात्रों को एक सप्ताह के लिए किताबें देती और फिर वापस लेकर दूसरे छात्रों को देती थी। इससे एक भी किताब फटी नहीं और जिन बच्चों के पास किताबें नहीं थीं, उन्हें भी अच्छी किताबें पढ़ने के लिए मिली। उन्होंने पढ़ाई के लिए ऐसे ही छोटे-छोटे नवाचारों को प्रभावी बताया।
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