शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) 2020-2021 जारी किया
उच्च शिक्षा में नामांकन बढ़कर 4.14 करोड़ हुआ, पहली बार चार करोड़ के आंकड़े के पार; 2019-20 से 7.5 प्रतिशत और 2014-15 से 21 प्रतिशत की बढ़त
छात्राओं का नामांकन दो करोड़ तक पहुंचा, 2019-20 से 13 लाख की वृद्धि
वर्ष 2014-15 की तुलना में 2020-21 में अनुसूचित जाति के छात्रों के नामांकन में 28 प्रतिशत और अनुसूचित जाति की छात्राओं के नामांकन में 38 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि
वर्ष 2014-15 की तुलना में 2020-21 में अनुसूचित जनजाति के छात्रों के नामांकन में 47 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति की छात्राओं के नामांकन में 63.4 प्रतिशत की वृद्धि
2014-15 से अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के नामांकन में 32 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राओं के नामांकन में 39 प्रतिशत की महत्वपूर्ण बढ़ोतरी
2014-15 से पूर्वोत्तर क्षेत्र में 2020-21 में छात्रों के नामांकन में 29 प्रतिशत और छात्राओं के नामांकन में 34 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि
सभी सामाजिक समूहों के लिए पिछले वर्ष की तुलना में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में सुधार
2019-20 से 2020-21 में दूरस्थ शिक्षा में नामांकन सात प्रतिशत बढ़ा
2019-20 के क्रमागत रूप से 2020-21 में 70 विश्वविद्यालय और 1,453 कॉलेज बढ़े
2017 में लैंगिक समानता सूचकांक (जीपीआई) 01 था, जो 2020-21 में 1.05 हो गया
2019-20 की तुलना में फैकल्टी/शिक्षकों की कुल संख्या में 47,914 की बढ़ोतरी
उच्च शिक्षा में पहली बार चार करोड़ से अधिक छात्रों ने दाखिला लिया, लड़कियों के प्रवेश का प्रतिशत भी बढ़ा
अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
देश में पहली बार उच्च शिक्षा में चार करोड़ से अधिक छात्रों ने दाखिला लिया। अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण की रविवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020-21 में 4.14 करोड़ छात्रों ने उच्च शिक्षा में प्रवेश लिया। यह वर्ष 2019-20 से 7.5 और 2014-15 से 21 की वृद्धि है। लड़कियों में दाखिले का प्रतिशत 34 फीसदी बढ़ा है।
महिला नामांकन बढ़ा
उच्च शिक्षा में महिला नामांकन दो करोड़ तक पहुंच गया। इसमें वर्ष 2019-20 से 13 लाख की वृद्धि हुई है। वर्ष 2014-15 की तुलना में 2020-21 में अनुसूचित जाति के छात्रों के नामांकन में 28 और अनुसूचित जाति की महिला छात्रों के नामांकन में 38 की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जबकि 2014-15 की तुलना में 2020-21 में एसटी छात्रों के नामांकन में 47 और महिला एसटी छात्रों के नामांकन में 63.4 की वृद्धि हुई है। वर्ष 2014-15 से ओबीसी छात्र नामांकन में 32 और महिला ओबीसी छात्रों में 39 की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2014-15 से 2020-21 में पूर्वोत्तर क्षेत्र में छात्र नामांकन में 29 और महिला छात्र नामांकन में 34 की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सभी सामाजिक समूहों के लिए पिछले वर्ष की तुलना में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में सुधार हुआ है
दूरस्थ शिक्षा में भी बढ़ोत्तरी, विश्वविद्यालय की संख्या भी बढ़ी
वर्ष 2019-20 से 2020-21 में दूरस्थ शिक्षा में नामांकन 7% बढ़ा है। वर्ष 2019-20 की तुलना में 2020-21 में विश्वविद्यालयों की संख्या में 70, कॉलेजों की संख्या में 1,453 की वृद्धि हुई है।
फैकल्टी की संख्या बढ़ी लैंगिक समानता सूचकांक (जीपीआई) 2017-18 में 1 से बढ़कर 2020-21 में 1.05 हो गया है। वर्ष 2019-20 से संकाय/शिक्षकों की कुल संख्या में 47,914 की वृद्धि हुई है।
● नामांकित छात्रों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान शीर्ष 6 राज्य हैं।
● दूरस्थ शिक्षा में नामांकन 45.71 लाख (20.9 लाख महिला के साथ) है, 2019-20 से लगभग 7 और 2014-15 से 20 की वृद्धि हुई है।
● एआईएसएचई 2020-21 में प्रतिक्रिया के अनुसार, कुल छात्रों में से लगभग 79.06 स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में नामांकित हैं और 11.5 स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों में नामांकित हैं।
● स्नातक स्तर पर विषयों में नामांकन कला (33.5) में सबसे अधिक है, इसके बाद विज्ञान (15.5), वाणिज्य (13.9) और इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी (11.9) का स्थान है।
● स्नातकोत्तर स्तर पर धाराओं में, अधिकतम छात्र सामाजिक विज्ञान (20.56) में नामांकित हैं, विज्ञान (14.83) का स्थान है।
● कुल नामांकन में से, 55.5 लाख छात्र साइंस स्ट्रीम में नामांकित हैं, जिसमें महिला छात्रों (29.5 लाख) की संख्या पुरुष छात्रों (26 लाख) से अधिक है।
● सरकारी विश्वविद्यालयों (कुल का 59) का नामांकन में 73.1 योगदान है। सरकारी कॉलेज (कुल का 21.4) नामांकन के 34.5 में योगदान करते हैं।
● 2014-15 से 2020-21 के दौरान राष्ट्रीय महत्व के संस्थान में नामांकन में 61 की वृद्धि हुई है।
लड़कियों के प्रवेश का प्रतिशत भी बढ़ा
● वर्ष 2020-21 में 4.14 करोड़ ने उच्च शिक्षा में प्रवेश लिया
● 2019-20 से 7.5 और 2014-15 से 21 की वृद्धि
● लड़कियों का प्रतिशत 34 फीसदी बढ़ा
● महिला नामांकन दो करोड़ तक पहुंचा, 2019-20 से 13 लाख की वृद्धि
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