मंजूरी : बीडीएस का पाठ्यक्रम अब साढ़े पांच साल का होगा
नई दिल्ली : देश में अब बैचलर ऑफ डेंटल साइंस (बीडीएस) की पढ़ाई पांच साल की बजाय साढ़े पांच साल की होगी। जुलाई में शुरू होने वाले अकादमिक सत्र में इसे लागू किया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के बीडीएस पाठ्यक्रम में बदलाव के प्रस्ताव को मौखिक सहमति दी है। सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी की जा सकती है। अभी एक साल इंटर्नशिप को मिलाकर बीडीएस पाठ्यक्रम पांच साल का होता है। नए सत्र से एक साल की इंटर्नशिप को मिलाकर यह पाठ्यक्रम साढ़े पांच साल का हो जाएगा।
इस बदलाव के तहत एमबीबीएस की तरह ही सेमेस्टर सिस्टम लागू होगा। पूरे पाठ्यक्रम में कुल नौ सेमेस्टर होंगे और एक साल की इंटर्नशिप करनी होगी। इसके तहत बीडीएस के छात्रों को भी एमबीबीएस की तरह हर छह महीने में परीक्षा देनी होगी। अभी छात्र साल में एक बार परीक्षा देते हैं।
यह पाठ्यक्रम और नए नियम उन्हीं छात्रों पर लागू होंगे जो अगले सत्र से इस पाठ्यक्रम के तहत पहली बार प्रथम वर्ष में दाखिला लेंगे। सेमेस्टर सिस्टम की शुरुआत से सीखने में आसानी होगी क्योंकि छात्रों को पूरे साल सभी आठ विषयों पर काम करने के बजाय छह महीने की अवधि के लिए केवल 3-4 विषयों पर काम करना होगा। नई प्रणाली के साथ अधिकतर विस्तृत विषयों को विभिन्न मॉड्यूलों में विभाजित किया जा सकता है जिन्हें दो या दो से अधिक सेमेस्टर में फैलाया जा सकता है।
क्रेडिट आधारित मूल्यांकन प्रणाली होगी
नए पाठ्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से तैयार किया गया है जिसमें नौ सेमेस्टर में शिक्षा का सेमेस्टर पैटर्न, एक क्रेडिट-आधारित मूल्यांकन प्रणाली और मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम शामिल होंगे। नई क्रेडिट-आधारित प्रणाली यह सुनिश्चित करेगी कि छात्र सीखता है और एक अंतिम परीक्षा के बजाय दिन-प्रतिदिन के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है।
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