एकसाथ दो डिग्री लेने से नहीं रोक सकते संस्थान, यूजीसी के निर्देश- माइग्रेशन व स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के नाम पर दाखिले में नहीं कर सकते आनाकानी
नई दिल्ली : उच्च शिक्षण संस्थान अब एकसाथ दो डिग्रियों की पढ़ाई करने में बाधक नहीं बन सकते। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों को ऐसा तंत्र विकसित करने के लिए कहा है, जिसमें छात्र एकसाथ दो डिग्रियों की पढ़ाई कर सकें।
यूजीसी ने स्पष्ट कहा कि माइग्रेशन सर्टिफिकेट और स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के बिना दाखिला देने में संस्थान आनाकानी नहीं कर सकते। यदि किसी विद्यार्थी ने शिकायत की, तो संस्थान के खिलाफ कार्रवाई होगी। यूजीसी के संज्ञान में आया था कि विद्यार्थियों के इन प्रमाणपत्रों को संस्थान जमा करा लेते हैं, जिससे उन्हें अन्य कोर्स में दाखिला लेने में परेशानी होती है।
पिछले साल मिली थी एकसाथ दो डिग्री की सुविधा
यूजीसी सचिव पीके ठाकुर ने बताया, पिछले साल अप्रैल में एकसाथ दो पूर्णकालिक डिग्री पूरा करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत कोई भी छात्र एकसाथ दो नियमित डिग्री, एक ऑनलाइन- एक नियमित और एक नियमित व एक ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग मोड से पढ़ाई कर सकता है।
इसके अलावा एक डिप्लोमा कोर्स और एक यूजी कार्यक्रम, दो मास्टर कोर्स या दो स्नातक कोर्स के संयोजन के साथ चयन करने की अनुमति भी मिली है।
डिजिलॉकर से सर्टिफिकेट का सत्यापन
केंद्र सरकार ने डिजिलॉकर के जरिये सर्टिफिकेट के सत्यापन की मंजूरी दी है। यहां सीबीएसई बोर्ड, प्रदेश शिक्षा बोर्ड, विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने छात्रों के सर्टिफिकेट अपलोड कर सकते हैं। दाखिले के दौरान इसी डिजिलॉकर से उच्च शिक्षण संस्थान सर्टिफिकेट की जांच कर सकते हैं। हालांकि शिक्षण संस्थान अब भी छात्रों से सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज मांगते हैं।
निर्देश: एक साथ दो पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के लिए व्यवस्था हो
नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों को अपने विधिक निकायों के जरिए ऐसी व्यवस्था तैयार करने को कहा है, जिससे छात्रों के लिये एक साथ दो पाठ्यक्रमों की पढ़ाई सुगम हो सके। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह निर्देश ऐसे समय में आया है, जब यूजीसी ने विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) द्वारा स्थानांतरण प्रमाणपत्र या स्कूल परित्याग प्रमाणपत्र पर जोर दिए जाने के कारण पेश आने वाली परेशानियों पर संज्ञान लिया।
यूजीसी के सचिव पी. के. ठाकुर ने विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों को लिखे एक पत्र में कहा कि यूजीसी के संज्ञान में यह बात सामने आई है कि स्थानांतरण प्रमाणपत्र या स्कूल परित्याग प्रमाणपत्र पर जोर दिए जाने के कारण छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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