यूपी : माता-पिता संग भी ड्रेस में स्कूल से बाहर नहीं घूम सकेंगे बच्चे
स्कूली ड्रेस में बच्चे अपने माता-पिता के संग भी बाहर घूम नहीं पाएंगे। उन्हें घर जाकर ड्रेस बदलनी होगी। इसके बाद कहीं और जा सकेंगे। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य निर्मला पटेल ने बृहस्पतिवार को प्रेसवार्ता में बताया कि स्कूली ड्रेस में मॉल, पार्क आदि सार्वजनिक स्थलों पर घूमने पर रोक लगाई गई है। कुछ स्कूल प्रबंधन एवं अभिभावकाें की ओर से मांग की गई थी कि माता-पिता के साथ ड्रेस में भी कहीं जाने की छूट दी जाए, लेकिन यह पाबंदी हर स्थिति में लागू रहेगी।
निर्मला पटेल ने बताया कि माता-पिता या अन्य रिश्तेदार के साथ भी बच्चे स्कूली ड्रेस में कहीं नहीं जा सकेंगे। आयोग की सदस्य ने बताया कि गोद लेने की प्रक्रिया भी आसान की जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी गोद लेने की प्र्रक्रिया काफी लंबी है। इसके अलावा गोद लेने के बाद विभाग की ओर से पांच साल निगरानी रखी जाती है।
बताया कि आयोग की ओर से प्रक्रिया को सरल करने एवं निगरानी की अवधि तीन महीने किए जाने के सुझाव दिए गए हैं। पांच वर्ष से कम आयु में ही बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए, इसके लिए भी प्रयास तेज किए जाएंगे। ताकि, बच्चे को आभास न होने पाए कि उसे गोद लिया जा रहा है।
सदस्य ने संबंधित विभाग के अफसरों संग बैठक कर योजनाओं की समीक्षा की तथा जरूरी निर्देश दिए। इससे पहले उन्होंने सदर बाजार आंगनबाड़ी केंद्र, सरोजनी नायडू बाल चिकित्सालय के एनआरसी एवं पीकू वार्ड, राजकीय बालगृह-बालिका एवं वन स्टाप सेंटर का निरीक्षण किया तथा जरूरी निर्देश दिए।
आंगनबाड़ी केंद्र में एक गर्भवती महिला की गोद भराई भी की। इस दौरान जिला प्रोबेधन अधिकारी पंकज मिश्र, प्रभारी जिल कार्यक्रम अधिकारी विमल चौबे, संजिता सिंह, ज्योत्सना त्रिपाठी, बाल विकास परियोजना अधिकारी ओम प्रकाश याद आदि मौजूद रहे।
सदस्य ने संबंधित विभाग के अफसरों संग बैठक कर योजनाओं की समीक्षा की तथा जरूरी निर्देश दिए। इससे पहले उन्होंने सदर बाजार आंगनबाड़ी केंद्र, सरोजनी नायडू बाल चिकित्सालय के एनआरसी एवं पीकू वार्ड, राजकीय बालगृह-बालिका एवं वन स्टाप सेंटर का निरीक्षण किया तथा जरूरी निर्देश दिए।
आंगनबाड़ी केंद्र में एक गर्भवती महिला की गोद भराई भी की। इस दौरान जिला प्रोबेधन अधिकारी पंकज मिश्र, प्रभारी जिल कार्यक्रम अधिकारी विमल चौबे, संजिता सिंह, ज्योत्सना त्रिपाठी, बाल विकास परियोजना अधिकारी ओम प्रकाश याद आदि मौजूद रहे।
कौशल विकास-रोजगार के लिए मांगे सुझाव
कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण एवं रोजगार की योजनाएं तैयार करने में अब आम लोगों की भी मदद ली जाएगी। इसके लिए मिशन के जिला समन्वयक राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र के प्रधानाचार्य एसके श्रीवास्तव की ओर सुझाव मांगे गए हैं। मिशन कार्यालय की ओर एक प्रस्ताव एवं प्रारूप भी तैयार किया गया है। इसी के अनुरूप सुझाव मांगे गए हैं।
कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण एवं रोजगार की योजनाएं तैयार करने में अब आम लोगों की भी मदद ली जाएगी। इसके लिए मिशन के जिला समन्वयक राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र के प्रधानाचार्य एसके श्रीवास्तव की ओर सुझाव मांगे गए हैं। मिशन कार्यालय की ओर एक प्रस्ताव एवं प्रारूप भी तैयार किया गया है। इसी के अनुरूप सुझाव मांगे गए हैं।
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