इसी वर्ष देश की चिकित्सा शिक्षा में लागू होने जा रही नेक्स्ट प्रक्रिया, लाइसेंस लेने के लिए परीक्षा अनिवार्य
MBBS में दाखिले के बाद 10 साल तक दे सकते हैं नेक्स्ट 'नेक्स्ट परीक्षा
06पेपर में से एक या अधिक में अनुत्तीर्ण हो या कम अंक आने पर ही दे सकते हैं परीक्षा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में नेक्स्ट परीक्षा का आयोजन करने के लिए एनएमसी के अधिनियम में संशोधन कर पांचवां बोर्ड बनाने का फैसला भी लिया था।
नेक्स्ट परीक्षा प्रक्रिया लागू होने के बाद देश में मॉडर्न मेडिसिन की प्रैक्टिस करने के लिए छात्र को नेक्स्ट परीक्षा देनी होगी। इसी तरह विदेश से एमबीबीएस करने वालों को भारत में प्रैक्टिस करने के लिए यह परीक्षा देनी होगी। इसी वजह से नेक्स्ट को लाइसेंस परीक्षा भी कहा जा रहा है। इनके अलावा, जो छात्र एमबीबीएस करने के बाद पोस्ट ग्रेजुएट में दाखिला लेना चाहते हैं, उन्हें भी यह परीक्षा देनी होगी। अभी तक इन तीनों के लिए अलग-अलग परीक्षा होती हैं।
नई दिल्ली। देश की चिकित्सा शिक्षा में इसी वर्ष लागू होने जा रही नेक्स्ट परीक्षा प्रक्रिया एमबीबीएस में दाखिला लेने के बाद 10 साल तक बार-बार दी जा सकती है। साल में एक बार रेगुलर और पूरक परीक्षा होंगी। अगर रेगुलर परीक्षा में कोई छात्र फेल होता है या कम नंबर आते हैं तो वह उसी साल में होने वाली पूरक परीक्षा का हिस्सा बन सकता है, यानी एक वर्ष में छात्र को दो बार परीक्षा देने का अवसर प्राप्त होगा।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने नेक्स्ट परीक्षा के लिए अलग से एक बोर्ड गठित करने का फैसला लिया है। इन परीक्षाओं का आयोजन किस तरह देश में किया जाएगा, इसके लिए ड्राफ्ट नियम भी जारी हुए हैं। इसी माह के अंतिम सप्ताह तक एनएमसी ने इन नियमों पर आपत्ति व सुझाव भी मांगे हैं। एनएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एमबीबीएस में दाखिला लेने के 10 वर्ष के भीतर कोई भी छात्र नेक्स्ट परीक्षा में कितनी भी बार शामिल हो सकता है 100 अंक की इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए कम से कम 50 अंक लाना अनिवार्य है। पूरक परीक्षा में वही छात्र बैठ सकेगा जो छह पेपर में से एक या अधिक में अनुत्तीर्ण हो गया है या कम अंक आए हों।
दो चरण में होगी पूरी परीक्षा
■ नेक्स्ट परीक्षा दो चरण में होगी। पहले चरण में 100 बहुविकल्पीय आधारित ऑनलाइन परीक्षा होगी।
■ इसके बाद, छह विषयों पर आधारित परीक्षा होगी। इनमें चिकित्सा और संबद्ध विषय, सर्जरी व संबद्ध विषय, प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल रोग उपचार विद्या, नेत्र रोग विज्ञान विषय पर छह अलग-अलग प्रश्न पत्र होंगे।
■ तीन प्रश्न पत्र के लिए तीन-तीन घंटे और बाकी तीन प्रश्न पत्रों के लिए डेढ़-डेढ़ घंटे की अवधि होगी। इसके बाद दूसरे चरण में प्रैक्टिकल परीक्षा होगी।
■ अगर कोई छात्र रेगुलर परीक्षा पास नहीं कर पाता या कम अंक आते हैं तो वह उसी वर्ष पूरक परीक्षा का हिस्सा हो सकता है।
■ हर साल नेक्स्ट परीक्षा दिसंबर के दूसरे सप्ताह में आयोजित होगी और जनवरी के दूसरे सप्ताह तक इसका परिणाम जारी होगा। इसी तरह दूसरे चरण की परीक्षा प्रक्रिया मार्च से अप्रैल के पहले सप्ताह के बीच पूरी होगी।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने नेक्स्ट परीक्षा के लिए अलग से एक बोर्ड गठित करने का फैसला लिया
MBBS छात्रों की पढ़ाई परखने का तरीका बदलेगा, अगले साल से National Exit Test (NEXT) का प्रस्ताव
नई दिल्ली : एमबीबीएस डॉक्टरों के लिए प्रस्तावित नेशनल एक्जिट टेस्ट (नेक्सट) में डॉक्टरों की पढ़ाई को परखने का तौर-तरीका बदल जाएगा। इस परीक्षा के दौरान छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा, आईआईटी की जेईई एवं एडवांस जैसी परीक्षाओं के पैटर्न पर परखा जाएगा। उन्हें प्राबल्म साल्विंग (समस्या के समाधान), एनॉलिटिकल स्किल (विश्लेषणात्मक कौशल), कांप्रिहेंसिव (बोधगम्यता) जैसे बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर देने होंगे।
मौजूदा समय में एमबीबीएस के छात्रों को अंतिम वर्ष की परीक्षा कॉलेज या संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित परीक्षा के आधार पर पास करनी होती है, जिसमें मूलत वही प्रश्न पूछे जाते हैं, जो विषय उन्हें पिछले पांच-साढ़े पांच साल में पढ़ाए गए हैं। लेकिन, अगले साल से नेक्स्ट टेस्ट लागू होने के बाद एमबीबीएस अंतिम वर्ष की परीक्षा की जगह यह टेस्ट ले लेगा। जो छात्र विदेशों से पढ़ाई करके आते हैं, उन्हें भी यह पास करना होगा।
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