प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय को पहली बार राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की मान्यता मिल गई है। नैक टीम के निरीक्षण और मूल्यांकन के आधार पर विश्वविद्यालय को बी प्लस ग्रेड दिया गया है। इस उपलब्धि से विश्वविद्यालय के भौतिक संसाधन बढ़ेंगे, जिसका लाभ सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश के 70 हजार से अधिक अध्ययनरत शिक्षार्थियों को होगा।
विश्वविद्यालय की ओर से की गई पुनर्विचार याचिका पर निर्णय करते हुए नैक की ओर से विश्वविद्यालय को ईमेल के माध्यम से बी प्लस ग्रेड जारी कर दिया गया है। वर्ष 1998 में स्थापित यूपीआरटीओयू ने पहली बार नैक ग्रेडिंग की मान्यता के लिए आवेदन किया था। जिसके बाद गत वर्ष नैक की सात सदस्यीय टीम ने विश्वविद्यालय की अकादमिक गुणवत्ता के साथ-साथ प्रशासनिक व ढांचागत व्यवस्था का मूल्यांकन किया था। टीम ने विश्वविद्यालय के गंगा, यमुना एवं सरस्वती परिसर में स्थित प्रमुख कार्यालयों के साथ ही क्षेत्रीय केंद्र, वाराणसी एवं गोद लिए गांव का निरीक्षण किया था।
नैक टीम ने वर्ष 2015 से लेकर 2020 तक के अकादमिक वर्षों का एसएसआर के आधार पर मूल्यांकन किया। बाद में टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार की और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद को सौंपी। लंबे इंतजार के बाद रजत जयंती वर्ष में मिली इस उपलब्धि से विश्वविद्यालय में खुशी का माहौल है।
कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने बताया कि उनके यहां आने से पूर्व ही मूल्यांकन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई थी। विश्वविद्यालय को यहां तक पहुंचाने में पूर्व कुलपतियों एवं समस्त स्टाफ का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व तक विश्वविद्यालय के पास अकादमिक स्टाफ व भौतिक संसाधन न के बराबर था, लेकिन पिछले तीन वर्षों में हमने भौतिक संसाधनों में काफी वृद्धि की है और अकादमिक स्टाफ भी बढ़ाया है।
प्रो. सिंह ने कहा कि अब कोशिश यही रहेगी कि हम निरंतर मेहनत करके और बेहतर ग्रेड लाएं। मुक्त विश्वविद्यालय प्रदेशभर के शिक्षार्थियों को उच्च शिक्षा दिलाने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं से वंचित युवाओं एवं महिलाओं के लिए बड़ा विकल्प बनकर उभरा है।
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