स्कूल का प्रदर्शन कमजोर तो शिक्षकों को फिर प्रशिक्षण, देशभर में मौजूद जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को मिलेगी मजबूती, डायट के जरिये दिया जाएगा प्रशिक्षण
◆ बजट में डायटों को वाइब्रेंट एक्सीलेंस संस्थान के रूप में बनाने का किया एलान
◆ मौजूदा समय में देश के 500 से ज्यादा जिलों में स्थापित है ये संस्थान
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) आने बाद शिक्ष का पूरा क्षेत्र बड़े सुधारों के दौर से गुजर रहा है। इसका बड़ा फोकस सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने पर है। इसमें छात्रों से लेकर शिक्षकों तक के प्रदर्शन को आंकने के लिए नए नए मानकों पर काम हो रहा है। जिसके आधार पर उन्हें नई उड़ान भरने का रास्ता मिलेगा।
फिलहाल बजट में केंद्र सरकार ने शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़ा एक बड़ा एलान किया है। इसमें ऐसे सभी शिक्षकों को फिर से प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिनके स्कूलों का प्रदर्शन लर्निंग आउटकम में कमजोर रहेगा। शिक्षकों को यह प्रशिक्षण जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के जरिये दिया जाएगा। जिन्हें सरकार ने वाइन्ट एक्सीलेंस संस्थान के रूप तैयार करने का एलान किया है।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को अपने बजट भाषण में शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़ा एलान करते हुए कहा है कि शिक्षकों को यह प्रशिक्षण नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अपनाए जाने वाले सभी नवाचारों व मानकों के आधार पर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, प्रत्येक जिला शिक्ष एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में विद्या समीक्षा केंद्र के नाम से एक मानीटरिंग सेंटर भी स्थापित होगा। ट्रायल के तौर पर एनसीईआरटी ने इसका माडल भी विकसित कर लिया है।
स्कूलों की निगरानी जिला स्तर से ही देश में मौजूदा समय में करीब 15 लाख स्कूल हैं, ऐसे में शिक्षा मंत्रालय के स्तर से सभी पर नजर रखना मुश्किल है। यही वजह है कि केंद्र सरकार स्कूलों की निगरानी जिला स्तर से ही करने की तैयारी कर रही है। खास बात यह है कि बजट में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान को वाइब्रेट एक्सीलेंस संस्थान के रूप में तैयार करने के केंद्र सरकार के एलान से पहले ही केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय इनमें खली पड़े पदों को भरने की पहल शुरू कर चुका है।
शिक्षा का बजट सकारात्मक, जानिए क्या है पॉजिटिव?
बजट में शिक्षा पर जो आवंटन दिया गया है, उससे शिक्षा जगत खुश है। बजट में सबसे अच्छी बात है कि इसमें कौशल और प्रशिक्षण पर जोर दिया गया है। देशभर में स्किल सेंटर खुलेंगे। यह उन बच्चों को फायदा पहुंचाएगा जो किसी न किसी वजह से पिछड़ गए हैं, जो गांव में हैं या जिनको अभी तक सुविधाएं नहीं मिल पाई थीं।
शिक्षक प्रशिक्षण और शोध यह दो ऐसे क्षेत्र थे, जिनकी चर्चा हमेशा होती थी परंतु उस पर कभी काम नहीं होता था। इस बजट में इन क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है। शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जो बजट दिया गया है, वह सराहनीय है क्योंकि जब अच्छे शिक्षक होंगे तभी तो अच्छे बच्चे निकलेंगे। हम शिक्षा पर जो भी आवंटन करते थे उसका लाभ बच्चों को नहीं मिल पाता था क्योंकि शिक्षकों की दशा ठीक नहीं थी। अब शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ेगी और बच्चों की पढ़ाई और हुनर भी बेहतर होगा।
बजट 2023 : स्कूल शिक्षा के बजट में करीब आठ फीसदी की बढ़ोतरी, देश की सबसे बड़ी स्कूली शिक्षा योजना समग्र शिक्षा के लिए 37,453 करोड़
स्कूल शिक्षा विभाग के बजट में करीब आठ फीसदी की बढ़ोतरी हुई। विभाग से संबंधित केंद्रीय योजनाओं के लिए 364.1 करोड़ दिए गए हैं। स्वायत्त निकायों का व्यय 14,391 करोड़ रुपये है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन के लिए 8,363 करोड़, नवोदय विद्यालय समिति के लिए 5,486.50 करोड़ रुपये और एनसीईआरटी को 518.50 करोड़ दिए गए हैं।
स्कूली शिक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा समग्र शिक्षा के लिए है। सरकार ने देश की इस सबसे बड़ी स्कूली शिक्षा योजना के लिए 37,453 करोड़ दिए हैं। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) के तहत 11,600 करोड़ खर्च होंगे। वहीं, उच्च शिक्षा विभाग के बजट में 7.9 का इजाफा हुआ है।
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