यूपी के मदरसों में पिछले 8 साल में करीब ढाई लाख विद्यार्थियों की तादाद घटी
लखनऊ। यूपी के अनुदानित व मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या पिछले 8 साल में करीब ढाई लाख विद्यार्थियों की तादाद घट गई।
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में जहां इस परिषद की विभिन्न पाठ्यक्रमों की वार्षिक परीक्षा के लिए 422627 परीक्षार्थयों ने पंजीकरण करवाया था वहीं इस बार यानि वर्ष 2023 में पंजीकरण करवाने वालो की संख्या 167328 है।
हर साल बड़ी तादाद में परीक्षार्थी पंजीकरण करवाने के बाद भी परीक्षा छोड़ देते हैं, औसतन पचास से साठ हजार परीक्षार्थी तो परीक्षा में पंजीकरण के बावजूद नहीं बैठते इस आधार पर इस बार यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी मई के महीने में होने वाली यूपी मदरसा शिक्षा परिषद की परीक्षा में बड़ी तादाद में परीक्षार्थी परीक्षा छोड़ेंगे।
इसके कारणों की पड़ताल करने पर यह मुख्य तथ्य सामने आया कि अब अल्पसंख्यकों खासतौर पर मुस्लिम वर्ग में धार्मिक शिक्षा के बजाए आधुनिक विषयों की शिक्षा ग्रहण कर मेडिकल, प्रबंधन, इंजीनियरिंग, प्रतियोगी परीक्षा, सैन्य अकादमियों में अपने बच्चों के करियर पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
यही नहीं कामिल, फाजिल जैसी उच्च कक्षाओं की परीक्षाओं के प्रमाण-पत्र व अंक पत्रों के मामले में यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड चूंकि अभी तक किसी विश्वविद्यालय से सम्बद्ध नहीं है इसलिए इन पाठ्यक्रमों की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर अधिसंख्य प्रतिष्ठानों में इसके प्रमाण पत्र व अंकपत्र की कोई मान्यता नहीं है।
हर परीक्षा बोर्ड में परीक्षार्थियों की संख्या घट रही है। यह सिर्फ मदरसा शिक्षा बोर्ड की ही बात नहीं है । अनियमितताओं पर अंकुश लगाकर मानीटरिंग की जा रही है। –डा. इफ्तिखार अहमद जावेद चेयरमैन उ.प्र. मदरसा शिक्षा बोर्ड
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