आयुष घपला : 900 मेधावियों की मार्क्सशीट पर हुए थे फर्जी दाखिले, नीट में ज्यादा नंबर लाने वालों को फोन कर मांगे गए दस्तावेज बाद में अपात्रों की फोटो व नाम
लखनऊ। बिना नीट के आयुष कॉलेजों में फर्जी तरीके से दाखिले के मामले के तार कई राज्यों से जुड़ रहे हैं। एसटीएफ ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि नीट में शामिल दूसरे राज्यों के करीब 900 छात्रों को घोटालेबाजों ने अपना निशाना बनाया।
जिन अभ्यर्थियों के परीक्षा में अच्छे नंबर आए थे, उनको फोन करके मार्क्सशीट मांगी गई। बाद में अपात्र अभ्यर्थियों से लाखों रुपये लेकर उसी के सहारे दाखिला कर लिया गया। एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक इनमें से अधिकतर छात्र-छात्राएं दक्षिण भारत के थे।
यूपी से काफी दूर होने की वजह से उनके नाम पर दूसरे का एडमिशन लेना आसान तरीका था। इसके लिए कॉलेजों की तरफ से उनको फोन करके एडमिशन लेने के लिए बुलाया जाता था। साथ ही कॉलेज की मेल आईडी पर उनकी अंकपत्र व अन्य दस्तावेज मंगवाए जाते थे। बाद में इनमें अपात्रों की फोटो चिपकाकर फॉर्म में नाम पता बदल दिया जाता था। सरकारी कॉलेजों में दाखिले के लिए तीन से पांच लाख जबकि निजी के लिए एक से तीन लाख रुपये लिए गए।
मंत्री को दोबारा नोटिस नहीं
एसटीएफ ने कार्यदायी संस्था चुनने में लिखकर कर दिया गया दाखिला हुए खेल की छानबीन के लिए तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी को नोटिस देकर बुलाया था। जब उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट का रुख किया तो एसटीएफ ने मंत्री के खिलाफ कोई सुबूत नहीं होने की बात कही। इस पर कोर्ट ने मंत्री की याचिका को गैरजरूरी बताकर खारिज कर दिया। फिलहाल एसटीएफ ने अग्रिम जांच के लिए पूर्व मंत्री को कोई नोटिस नहीं दिया है।
No comments:
Write comments