गांवों में भी मिलेंगे ऑनलाइन नोट्स और पढ़ सकेंगे ई-बुक्स, ग्राम पंचायत व वार्ड स्तर पर 900 करोड़ से स्थापित होनी हैं डिजिटल लाइब्रेरी
लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी मिशन को प्रदेश सरकार तेजी से गति देगी। केंद्र के बाद प्रदेश सरकार ने अपने बजट में डिजिटल लाइब्रेरी के तहत बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा में कुल 900 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। जिसके तहत स्कूली बच्चों, युवाओं, छात्राओं व आम लोगों को पठन-पाठन के लिए सभी तरह के डिजिटल कंटेंट उपलब्ध कराए जाएंगे।
बजट में ग्राम पंचायत व वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की घोषणा की गई है। यह एक तरह की पब्लिक लाइब्रेरी भी होगी, जो सभी के लिए उपलब्ध होगी। यहां पर अधिकतर कंटेंट डिजिटल ही होंगे और इनमें बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा दी जाएगी। डिजिटल लाइब्रेरी में छोटे बच्चों को सिखाने के लिए वीडियो कंटेंट, कॉमिक बुक आदि का प्रयोग किया जाएगा। माध्यमिक व उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए ई- कंटेंट, ई-बुक्स, ऑनलाइन नोट्स, लेक्चर, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ई-कंटेंट, लेक्चर, रिफरेंस बुक, शोधार्थियों के लिए जर्नल, रिसर्च पेपर, पत्रिकाएं, प्राचीन ग्रंथ, इतिहास से जुड़ी किताबें भी उपलब्ध रहेंगी।
छात्रों को मिलेगा डिजिटल कंटेंट
निदेशक बेसिक व माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि यह डिजिटल लाइब्रेरी छात्र-छात्राओं को उनके घर के पास ही हर तरह की जरूरी पाठ्य सामग्री डिजिटल फार्मेट में उपलब्ध कराएगी। इसके लिए उन्हें यहां-वहां व दूसरे शहरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यह सभी के लिए खुली होगी, यहां उपलब्ध कंटेंट का लाभ कोई भी ले सकेगा। यह डिजिटल साक्षरता को बढ़ाने का भी काम करेगा। अभी केंद्र से इसके लिए विस्तृत गाइड लाइन आना बाकी है। हम उसके अनुरूप इसे ग्राम पंचायत व वार्ड स्तर पर प्रभावी बनाने का काम करेंगे।
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