वित्त विभाग की तमाम आपत्तियों की वजह से पांच हजार योग शिक्षकों की भर्ती में अड़ंगा
लखनऊ : प्रदेश के एडेड एवं राजकीय इंटर कालेजों में 5000 योग शिक्षकों की भर्ती के प्रस्ताव से जुड़ी फाइल पर वित्त विभाग की तमाम आपत्तियों की वजह से यह प्रस्ताव फिलहाल ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है।
करीब चार माह पूर्व माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से यह प्रस्ताव शासन को भेज गया था। प्रस्ताव पर शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध किया गया था परन्तु शासन में वित्त की ओर से कई आपत्तियों के साथ अब यह फाइल वापस लौट आई है।
महत्वपूर्ण यह है कि इस मुद्दे पर माध्यमिक शिक्षा विभाग का कोई जिम्मेदार कुछ बोलने को तैयार नहीं है। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में दो बिन्दुओं पर निर्णय लेने का अनुरोध किया गया था।
पहले बिन्दु का प्रस्ताव यह था कि एडेड और राजकीय इंटर कालेजों में संविदा पर एक-एक योग शिक्षक की बहाली करने की अनुमति दी जाए जबकि दूसरे बिन्दु में प्रस्ताव किया गया था कि जिन स्कूलों में पहले से खेल और शारीरिक शिक्षक हैं। जहां नहीं है वहां शारीरिक रूप से दक्ष जिस शिक्षक को खेल व शारीरिक शिक्षा की जिम्मेदारी दी गई है, इन्हें ही योग का सर्टिफिकेट कोर्स कराकर योग शिक्षक का जिम्मा दे दिया जाए।
सूत्र बताते हैं कि वित्त विभाग ने फाइल को वापस करते हुए लिखा है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग का प्रस्ताव आयुष विभाग में हुए योग शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया से बिल्कुल भिन्न रखा गया है जो सही नहीं है। प्रदेश में योग शिक्षक की नियुक्ति के दो अलग-अलग मानक नहीं हो सकते हैं।
योग शिक्षक भर्ती का वादा
योगी-2 सरकार बनने के बाद नई सरकार में प्रदेश के सभी इंटर व राजकीय इंटर कालेजों में योग शिक्षक भर्ती किए जाने का निर्णय किया गया था। तब अधिकारियों ने आश्वस्त किया था कि तीन माह के भीतर योग शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।
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