बोर्ड ने दिखाया रोजगार का सपना, छात्रों ने नकारा, शासन के निर्देश पर यूपी बोर्ड ने शुरू किए थे पाठ्यक्रम
● प्लम्बर, सोलर सिस्टम रिपेयरिंग समेत चार कोर्स का विकल्प
● चारों नये पाठ्यक्रमों में छात्र-छात्राओं ने नहीं कराया पंजीकरण
प्रयागराज : यूपी बोर्ड ने नये रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के जरिए रोजगार का सपना तो दिखाया लेकिन छात्र-छात्राओं ने नकार दिया। बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल के चार नये रोजगार केंद्रित पाठ्यक्रमों में एक भी छात्र शामिल नहीं हैं। यह स्थिति तब है जबकि हाईस्कूल की परीक्षा के लिए इस साल प्रदेशभर के 31,16,485 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं।
शासन के निर्देश पर यूपी बोर्ड ने कौशल विकास योजना के तहत प्लम्बर, सोलर सिस्टम रिपेयरिंग, आपदा प्रबंधन और इलेक्ट्रीशियन शुरू किया था। नौकरी के अवसर सीमित होने और तेजी से बढ़ती जनसंख्या और उनकी जरूरतों को देखते हुए ये पाठ्यक्रम शुरू किए गए थे ताकि हाईस्कूल-इंटर की पढ़ाई करने के बाद युवा सीधे रोजगार से जुड़ सकें।
लेकिन इसे जानकारी का अभाव कहें या फिर छात्र-छात्राओं की अरुचि की चारों नये पाठ्यक्रमों में एक भी पंजीकरण नहीं हुआ। इन पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के लिए विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को रखा जाता है जिन्हें अधिकतम 15 हजार रुपये मानदेय का भुगतान करने की व्यवस्था है।
10वीं के दूसरे कोर्स में भी नहीं खास रुचि
यूपी बोर्ड की ओर से हाईस्कूल स्तर पर पूर्व से संचालित रोजगारपरक पाठ्यक्रमों में भी छात्र कोई खास रुचि नहीं लेते। 2023 की हाईस्कूल परीक्षा के लिए हेल्थ केयर में चार, ऑटोमोबाइल में आठ, रिटेल ट्रेडिंग 19, मोबाइल रिपेयरिंग में 22 व आईटी में 38 परीक्षार्थी हैं।
इंटरमीडिएट के छात्र भी संजीदा नहीं
रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को लेकर 12वीं के छात्र भी संजीदा नहीं हैं। सेक्रेटेरिएट एंड इंग्लिश टाइपिंग में महज 18, मधुमक्खी पालन में 19, इम्ब्रायडरी में 20, डेयरी टेक्नोलॉजी में 24, रेशमकीट पालन में 52, कोऑपरेटिव में 53 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। सीड प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी में 155, प्रिंटिंग में 240, लांड्री डाई में 378, प्लांट नर्सरी में 460, टेक्सटाइल डिजाईन 485, बैंकिंग में 596, कुकरी में 862, बेकरी एवं कन्फेक्शनरी 924 व वीविंग टेक्नोलॉजी में 932 बच्चे हैं। जबकि 12वीं में 27,50,913 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं।
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