नर्सिंग, पैरामेडिकल में कॅरिअर बनाने के लिए छात्रों को करेंगे जागरूक, मिशन निरामया के जरिए कॉलेज छात्रों की होगी काउंसिलिंग
लखनऊ : प्रदेश में मिशन निरामया के तहत कॉलेज छात्रों की काउंसिलिंग कर उन्हें नर्सिंग एवं पैरामेडिकल में कॅरिअर बनाने के लिए जागरूक करने की रणनीति बनाई गई है। इसके लिए 300 से अधिक प्रधानाचार्यों को मास्टर ट्रेनर बनाया गया है। अब ये अपने क्षेत्र के कॉलेजों के दो-दो अध्यापकों को ट्रेनर बनाएंगे। हर प्रधानाचार्य को पांच से 10 कॉलेज का लक्ष्य दिया गया है।
प्रदेश के अस्पतालों में पर्याप्त नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती और प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मिशन निरामया शुरू किया गया है। नए शैक्षिक सत्र में सभी इंटर कॉलेजों में यह अभियान चलाया जाएगा। इसमें हर माह छात्रों को नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कोर्स की विस्तार से जानकारी दी जाएगी। पैरामेडिकल में डायलिसिस टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्नीशियन सहित अन्य कोर्स पूरा करने के बाद नौकरी की संभावनाओं के बारे में छात्रों को बताया जाएगा। जिस वक्त दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी, उस समय छात्रों को आवेदन की भी जानकारी दी जाएगी। ताकि विभिन्न कोर्स में ज्यादा से ज्यादा छात्र आवेदन कर सकें।
मिशन निरायमा के जरिए ज्यादा से ज्यादा छात्रों को चिकित्सा क्षेत्र में गुणवत्तापरक शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है। छात्रों को कोर्स की जानकारी देकर उनमें प्रतियोगिता की भावना पैदा की जा रही है। प्रवेश परीक्षा में छात्रों की संख्या अधिक होगी तो मेधावी छात्र ज्यादा मिलेंगे। इससे चिकित्सा संस्थानों को कुशल मैनपावर भी मिल सकेगा। आलोक कुमार, प्रमुख - सचिव चिकित्सा शिक्षा
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