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Sunday, February 12, 2023

NEET : MBBS करने जा रहे छात्रों के लिए खुशखबरी, सरकार ने दिए आगे की राह आसान करने के दिए संकेत

NEET : MBBS करने जा रहे छात्रों के लिए खुशखबरी, सरकार ने दिए आगे की राह आसान करने के दिए संकेत


NEET : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि सरकार अगले चार साल में मेडिकल की स्नातक ( MBBS ) और स्नातकोत्तर कोर्सेज ( NEET PG - MD , MS ) की सीटों की संख्या समान करने की दिशा में काम कर रही है ताकि सभी एमबीबीएस ग्रेजुएट विद्यार्थी पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकें।


 ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ऑरिजन (जीएपीआईओ) के 13वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मांडविया ने भारतीय मूल के स्वास्थ्य पेशेवरों को देश में अनुंसधान और अस्पतालों की श्रृंखला में 'निश्चित कारोबार' के साथ निवेश का न्योता दिया।


उन्होंने कहा, ''जब हम डिस्पेंसरी खोलते हैं तो हमें डॉक्टरों की जरूरत होती है। आठ साल पहले भारत में एमबीबीएस की 51 हजार सीटें थीं। अब हमारे पास स्नातक पाठ्यक्रम की 1,00,226 सीटें हैं और स्नातकोत्तर की सीटें 34 हजार से बढ़कर 64 हजार हो गई हैं।''


मांडविया ने कहा, ''वर्तमान में मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएशन दाखिले में काफी प्रतिस्पर्धा है क्योंकि स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में उपलब्ध सीटों की संख्या की तुलना में एमबीबीएस पास करने वाले छात्रों की संख्या काफी अधिक है। हमने एमबीबीएस और पीजी सीटों की संख्या को सामान करने का लक्ष्य रखा है ताकि हमारे सभी डॉक्टरों को पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज में पंजीकृत होने और बेहतर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हो सके। अधिकांश उम्मीदवार जो भारत में दाखिला नहीं ले पाते हैं, वे या तो दूसरे देशों से कोर्सेज करते हैं या अलग करियर चुन लेते हैं।''


क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
चंडीगढ़ स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के पूर्व निदेशक डॉ. केके तलवार ने कहा, 'सरकार का यह कदम स्वागत योग्य होगा क्योंकि लंबे समय से डॉक्टर इसकी मांग कर रहे थे। मेडिसिन कोर्स लेने से बड़ी संख्या में लोग कतराते हैं क्योंकि उन्हें पोस्टग्रेजुएशन में सीट नहीं मिल पाती है।' एमबीबीएस अकेली डिग्री इन दिनों बहुत अधिक वेल्यू नहीं रखते हैं। डॉक्टर अब हायर स्टीज करना चाहेंगे इसलिए, यह कदम बहुत मायने रखेगा।'


सरकार ने कुछ दिनों पहले राज्यसभा में कहा था कि 2014 के बाद देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से 69 प्रतिशत बढ़कर 654 हो गई है। एमबीबीएस सीटों की संख्या 51,348 से 94 प्रतिशत बढ़कर अब 99,763 हो गई है वहीं पीजी सीटों की संख्या 31,185 से 107 प्रतिशत बढ़कर 64,559 हो गई है। पिछले सात सालों में 261 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं सरकार ने बजट 2023-24 में 157 नए नर्सिंग कॉलेज भी खोलने का भी प्रस्ताव रखा है।




मेडिकल में PG और UG की सीटें बराबर करने पर विचार

गांधीनगर। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि सरकार चार वर्षों से स्नातक और स्नातकोत्तर की मेडिकल सीटों की संख्या को बराबर करने पर विचार कर रही थी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि सभी एमबीबीएस स्नातकों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में दाखिला दिया जा सके।


भारतीय मूल के चिकित्सकों का वैश्विक संघ (जीएपीआईओ) के 11वें वार्षिक सम्मेलन में उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत भारतीय प्रवासियों को भी अनुसंधान और देश में अस्पतालों की चेन खोलने के लिए निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।


उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई में होने वाले हील इ इंडिया, हील बाई इंडिया एक्सपो के दौरान 70 से अधिक देश समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब हम दवाखाना खोलते हैं, तो चिकित्सकों की आवश्यकता होती है। आठ साल पहले, भारत में 51,000 एमबीबीएस सीटें थीं। आज 1,00,226 स्नातक सीटें और स्नातकोत्तर सीटें 36,000 से बढ़कर 64,000 हो गई हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य एमबीबीएस की स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों को बराबर करने पर है, ताकि सभी चिकित्सकों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में दाखिले का अवसर मिल सके।

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