पदोन्नति के लिए वर्षों का इंतजार के बाद वरिष्ठता सूची में खामियों की भरमार
बेसिक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची में मानकों की अनदेखी, कई जगह चयन गुणांक व नियुक्ति तिथि के अनुसार नहीं बनी सूची
लखनऊ। ये उदाहरण तो सिर्फ बानगी हैं। वर्षों के इंतजार के बाद परिषदीय शिक्षकों की शुरू की गई वरिष्ठता निर्धारण प्रक्रिया में खामियों की भरमार है। हालत यह है कि जिलों में जारी अनंतिम वरिष्ठता सूची में तय नियमों का ही पालन नहीं हुआ है।
अलग अलग जिलों में अलग अलग मानकों पर सूची तैयार किए जाने से पदोन्नति को लेकर खासा संदेह पैदा हो गया है। कुछ जिलों में सूची से शिक्षकों के नाम ही गायब हैं, तो कई जगह एक ही नाम कई बार हैं। विसंगतियों से शिक्षकों में रोष है। क्योंकि वरिष्ठता सूची के आधार पर ही शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया पूरी होनी है।
विभाग ने वरिष्ठता सूची की ऐसी ही कमियों पर आपत्ति लेने की तिथि बार बार बढ़ाई है, लेकिन शिक्षकों की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। इस पूरी कवायद को लेकर शिक्षक संगठनों ने आशंका जताई है कि कहीं इस बार की कवायद खामियों की भेंट न चढ़ जाए।
कई जिलों में अब तक सूची ही नहीं अपलोड हुई
कई जिलों में अपलोड की गई वरिष्ठता सूची में खामियां हैं तो कई जनपदों में सूची ही नहीं अपलोड हुई है। इस वजह से सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल की ओर से सूची अपलोड करने की तिथि बार बार बढ़ाई गई है।
सूची को लेकर अगर कोई भी आपत्ति है तो शिक्षक उसे ऑनलाइन दर्ज कराएं। संबंधित बीएसए की ओर से गुणदोष के आधार पर आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। वरिष्ठता के मूलभूत नियमों का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। - विजय किरन आनंद, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा
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