समय पूर्व मूल्यांकन होने से अप्रैल में आ सकता यूपी बोर्ड का परीक्षा परिणाम
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प्रयागराज : यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा - 2023 की 3.19 करोड़ उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 15 दिन निर्धारित किए हैं, लेकिन छह दिन में ही यानी गुरुवार को ही आधी से ज्यादा उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर लिया गया। अब तक 1,67,20,732 उत्तरपुस्तिकाएं जांची जा चुकी हैं, जबकि मूल्यांकन पूरा करने की अंतिम तिथि एक अप्रैल है।
इस तरह 18 मार्च से शुरू हुआ मूल्यांकन तय समय से पहले पूरा हो जाएगा। उधर, हाईस्कूल की ओएमआर शीट पर कराई गई हर विषय की 20 अंकों की परीक्षा का मूल्यांकन परीक्षा के दौरान ही शुरू करा दिया गया था। ऐसे में अप्रैल माह में परिणाम घोषित किया जा सकता है। पिछले वर्ष हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का परिणाम 18 जून को घोषित किया गया था । हालांकि वर्ष 2022 में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा वर्ष 2023 की अपेक्षा विलंब से हुई थी, जो कि 12 अप्रैल को संपन्न हुई थी।
वर्ष 2023 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा क्रमशः तीन और चार मार्च को संपन्न हुई। यूपी बोर्ड ने 18 मार्च से उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू करा दिया। यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल एवं सभी पांच क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिव नियमित जिला विद्यालय निरीक्षकों के साथ वर्चुअल मीटिंग कर मूल्यांकन की समीक्षा कर रहे हैं।
प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय की अपर सचिव विभा मिश्रा ने उन विषयों की उत्तरपुस्तिकाओं के परीक्षक निर्धारित प्रपत्र से नियुक्त कर मूल्यांकन पूर्ण कराने के निर्देश वर्चुअल मीटिंग में दिए हैं, जिन विषयों बोर्ड से परीक्षक कम लगे हैं। ऐसे परीक्षक मूल्यांकन केंद्रों के उप नियंत्रक जिला विद्यालय निरीक्षक की संस्तुति से केमुहा- 9 प्रपत्र भर कर नियुक्त करते हैं।
प्रयागराज परिक्षेत्र में 56.08 प्रतिशत मूल्यांकन पूरा किया जा चुका है। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि गुरुवार तक प्रदेश भर में 1.67 करोड़ से अधिक उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जा चुका है।
यूपी बोर्ड : पांच दिन में जांची सवा करोड़ से अधिक कॉपी, समय से पहले मूल्यांकन पूरा होने की उम्मीद
प्रयागराज । यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट कॉपियों के मूल्यांकन के पांचवें दिन बुधवार तक सवा करोड़ से अधिक कॉपियां जांची जा चुकी हैं। जिस गति से मूल्यांकन कार्य चल रहा है, उसमें समय से पहले मूल्यांकन पूरा होने की उम्मीद है। मूल्यांकन कार्य एक अप्रैल तक चलना है और अभी दो करोड़ कापियां जांची जानी बाकी हैं। यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल का कहना है कि अभी मूल्यांकन के लिए नौ दिन और शेष हैं। बोर्ड का प्रयास है कि कॉपियों का मूल्यांकन निर्धारित अवधि के भीतर हर हाल में हो जाए। बोर्ड के अफसर इस दिशा में सतत प्रयत्नशील हैं।
सचिव का दावा है कि इस बार का प्रशिक्षण मॉड्यूल कारगर रहा। प्रशिक्षण की वजह से कॉपी जांचने में परीक्षकों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आ रही है। बोर्ड ने कॉपियों के मूल्यांकन के लिए प्रदेशभर में 1,43,933 परीक्षकों की तैनाती की है। इसके अतिरिक्त रिजर्व परीक्षक भी रखे गए हैं। मूल्यांकन केंद्रों पर पहली बार नियुक्त स्टेटिक मजिस्ट्रेट भी दिनभर रहकर उपप्रधान परीक्षकों को रैंडम तरीके से कॉपियों का बंडल वितरित कर रहे हैं। बोर्ड के अधिकारियों ने निर्धारित समय के पहले कॉपियों के मूल्यांकन की उम्मीद जताई है
केंद्रों पर शिक्षकों की तलाशी पर जताई आपत्ति
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियों के मूल्यांकन केंद्रों पर पुलिसकर्मियों तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा शिक्षकों की तलाशी लिए जाने पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने आपत्ति की है। बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल को पत्र लिखकर पूर्व विधायक ने इस प्रकार के कृत्य तत्काल बंद करने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि शिक्षक जिस पर राष्ट्र निर्माण का दायित्व है उसको संदिग्ध माना जा रहा है। छात्रों की तरह शिक्षकों की तलाशी अत्यंत निंदनीय और अपमानजनक कार्य है। इसे तत्काल बंद किया जाए अन्यथा की स्थिति में संघ को आंदोलन करने पर बाध्य होना पड़ेगा।
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