सरकारी इंटर कॉलेजों में भी स्कूल चलो अभियान
सरकारी इंटर कॉलेजों में वर्ष प्रति वर्ष छात्रों की संख्या घटती जा रही है। कई ऐसे विद्यालय जहां छात्र-छात्राओं को प्रवेश मिलना उनके लिए गौरव की बात होती थी। वहां अब सन्नाटा पसारा नजर आता है। इसका मुख्य कारण निजी विद्यालयों द्वारा प्रचार प्रसार व संसाधनों की तुलना में सरकारी विद्यालयों से अधिक मजबूत होना माना जा रहा है। ऐसे में अब राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में भी स्कूल चलो अभियान की शुरुआत करते हुए छात्र-छात्राओं को यहां प्रवेश लेने के लिए जागरूक किया जाएगा। जिससे इन विद्यालयों में पुरानी रौनक वापस लाई जा सके।
राजकीय इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, समेत अन्य राजकीय व वित्तीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में कुछ वर्ष पूर्व तक छात्र- छात्राएं प्रवेश लेने के लिए आतुर रहते थे। यहां तक कि प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण न कर पाने पर माननीयों की सिफारिशें करवाने में भी पीछे नहीं हटते थे।
विद्यालयों में छात्र संख्या कभी हजारों का आंकड़ा पार कर जाती थी तो अब यह हाल है कि कक्षाओं में छात्र- छात्राओं की संख्या दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पा रही। इस वजह से अब यहां भी स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ किया जाएगा।
बताते चले कि स्कूल चलो अभियान के संबंध में चार अप्रैल को शासन की ओर से बैठक का आयोजन किया गया है। बैठक में मिले दिशा निर्देशों के तहत अभियान का संचालन किया जाएगा।
परिषदीय स्कूलों की तरह अब इंटर कॉलेजों में भी प्रवेश उत्सव, माध्यमिक विद्यालयों में भी चलेगा अभियान
परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों की तरह ही इस वर्ष हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग में कार्ययोजना तैयार की जा रही है। परिषदीय स्कूलों में स्कूल चलो अभियान की सफलता को देखते हुए माध्यमिक स्कूलों में अभियान चलाने का फैसला लिया गया है।
एक अप्रैल से प्रारंभ होने वाले नए शिक्षासत्र में हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों के शिक्षक गांव-गांव जाकर अभिभावकों से संपर्क करके बच्चों का दाखिला स्कूलों में कराएंगे। विभाग का मानना है कि निजी स्कूलों के संचालक अभिभावकों को गुमराह करके स्कूलों में नाम लिखा लेते हैं। जबकि सरकारी और सहायता प्राप्त कॉलेजों में बच्चों का टोटा बना रहता है।
लेकिन इस वर्ष समस्या को दूर करने के लिए नई पहल की जा रही है। जिस प्रकार परिषदीय विद्यालयों में स्कूल चलो अभियान की सफलता मिली उसी प्रकार माध्यमिक में भी सफलता मिलने की उम्मीद है।
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