UP बोर्ड : प्रश्नपत्रों की सुरक्षा की रणनीति रही सही, सख्ती देख परीक्षा से पहले ही नकलची भागे
प्रयागराज : यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने शनिवार शाम बोर्ड कार्यालय में नकल विहीन परीक्षा के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन और बोर्ड की और से तैयारियों और योजना को मीडिया से साझा किया। उनके साथ प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय की अपर सचिव विभा मिश्रा भी मौजूद थीं।
बोर्ड सचिव ने बताया कि पिछली बार इंटरमीडिएट में अंग्रेजी का प्रश्नपत्र आउट होने के कारण बोर्ड ने इस बार परीक्षा शुरू होने के पहले से ही सख्ती बरतनी शुरू कर दी थी। सबसे अधिक जोर प्रश्नपत्रों की सुरक्षा को लेकर था, जिसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षकों की निगरानी में टीम गठित कर स्ट्रांग रूमों में रात-रात तक छापे डलवाए गए। एक- एक स्ट्रांग रूम और परीक्षा केंद्रों की कई-कई बार निगरानी कराई गई।
निगरानी के चलते परीक्षा सकुशल संपन्न हो सकी। इसके अलावा अब शुचितापूर्ण मूल्यांकन के लिए परीक्षकों को क्षेत्रीय जाएगा। जिस तेजी के साथ परीक्षा संपन्न कराई गई है, उसी गति से मूल्यांकन पूरा कराकर परिणाम भी जल्द घोषित किए जाने की तैयारी है।
सख्ती देख परीक्षा से पहले ही नकलची भागे
प्रयागराज : यूपी बोर्ड ने नकल होने के अपने ऊपर लगे कलंक को भी वर्ष 2023 की परीक्षा में धोने का काम किया है। सख्ती के प्रति सरकार और शासन के तेवर ने दूसरे प्रांतों से आकर यहां फार्म भरकर नकल के माध्यम से पास होने वालों के मंसूबे तोड़े हैं।
इसका अनुमान इसी से लगता है कि यूपी के बाहर के परीक्षार्थियों की संख्या योगी सरकार में लगातार घटते हुए लाख से 5, 113 पर आ गई। नकल करते 81 परीक्षार्थी पकड़े गए, जबकि दूसरे के स्थान माध्यमि पर परीक्षा देते पकड़े गए 133 साल्वर पकडे गए।
बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि पूर्व के वर्षों में अनुचित साधन का प्रयोग कर नकल करने वालों की संख्या 400 से ज्यादा ही रही है। कुछ वर्षों में आंकड़ा 500 से भी ज्या रहा है, लेकिन इस बार ज्यादातर परीक्षार्थी सख्ती को देखते हुए नकल करने का हौसला नहीं जुटा पाए। इसी कारण परीक्षा ही छोड़ दी। नकल के प्रति सख्ती तो योगी सरकार आने के बाद से शुरू हो गई थी, जिसका असर दिखाई भी दिया।
यूपी बोर्ड : तीस साल बाद पहली बार पेपरलीक न पुनर्परीक्षा
प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षाएं शनिवार को नकलविहीन और सकुशल संपन्न हो गई। तीस सालों में ऐसा पहली बार हुआ कि परीक्षा केंद्रों से पेपरलीक, रांग ओपनिंग या सामूहिक नकल की एक भी शिकायत नहीं मिली। यही कारण था कि बोर्ड को इस साल परीक्षा समाप्त होने के बाद पुनर्परीक्षा नहीं करानी पड़ी। पेपरलीक न होने का मुख्य कारण देररात तक परीक्षा केंद्रों में बने स्ट्रांग रूमों की छापेमारी करना रहा।
पहली बार प्रश्नपत्रों को चार लेयर वाले मजबूत लिफाफे में रखने के कारण कहीं भी गलत प्रश्नपत्र (रांग ओपनिंग) नहीं खुला। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने शनिवार को बताया कि बोर्ड की सख्ती का असर यह रहा कि 10वीं-12वीं में पंजीकृत 58,85,745 परीक्षार्थियों में से 4,31,571 ने परीक्षा छोड़ दी। आधार नंबर के जरिए 133 सॉल्वर को पकड़ा गया है। सभी को जेल भेजा जा चुका है और जहां ये फर्जी परीक्षार्थी पंजीकृत थे उनकी मान्यता छीनने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
18 मार्च से मूल्यांकन परीक्षा संपन्न होने के साथ ही बोर्ड ने रिजल्ट की तैयारियां शुरू कर दी है। उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन 18 मार्च से प्रदेश के सभी जिलों में 257 केंद्रों पर शुरू होगा।
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