बेसिक शिक्षा विभाग का RTE एडमिशन हेल्प लाइन नंबर बंद , अभिभावक परेशान
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने आरटीई के दाखिले को लेकर जारी हेल्प लाइन नंबर बंद होने पर उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री से सोशल मीडिया के शक्तिशाली माध्य्म ट्विटर के जरिये सवाल पूछा है कि क्या बेसिक शिक्षा विभाग राम भरोसे चल रहा है।
आखिर यह सवाल गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने बेसिक शिक्षा मंत्री से क्यो पूछा इसके बारे में गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के आरटीई प्रभारी धर्मेंद्र यादव और कौशल ठाकुर ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 ( आरटीई ) के तहत उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से प्रथम चरण के दाखिले की प्रक्रिया 6 फरवरी से प्रारंभ हो गई है हालांकि की इस बार दाखिले की प्रक्रिया लगभग एक माह पूर्व शरू कर दी गई है जबकि हर वर्ष दाखिले की प्रक्रिया मार्च के पहले हफ्ते में शरू होती है जब से आरटीई के दाखिले की प्रक्रिया शरू हुई है तभी से बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यप्रणाली की पोल खुलनी शरू हो गई है।
सबसे पहले बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के आरटीई के दाखिले में वोटर कार्ड की अनिवर्तयता कर दी गई थी जिसका संज्ञान लेते हुये ग़ाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा शासन को वोटर कार्ड की अनिवार्यता समाप्त करने के लिए पत्र भेजने के बाद इसको समाप्त कर दिया गया था अब एक और गंभीर मामला सामने आया है मामला है बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आरटीई के दाखिले के संबंध में अभिभावको को मदद के लिये हेल्प लाइन नंबर 0522-2782853 दिया गया है।
लेकिन अभिभावको की लाख कोशिशों के बाद भी यह नंबर नही मिलता और जबाब आता है कि यह नंबर स्थाई रूप से बंद कर दिया गया है बड़ा सवाल यह है कि हेल्प लाइन के इस अहम नंबर के बंद होने पर बेसिक शिक्षा विभाग उदासीन क्यो है आखिर आरटीई में दाखिले के सम्बंध में आ रही परेशानियों में अभिभावक कहा से मदद ले इतना ही नही बेसिक शिक्षा विभाग की वेबसाईट पर आरटीई के दाखिलों की सूचना का अभी भी पुराने वर्ष का विवरण दिखाई पड़ रहा है जो बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने के लिए काफी है।
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के सचिव अनिल सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री से निवेदन है कि वो तत्काल सज्ञान लेकर हेल्प लाइन नंबर को ठीक कराये जिससे कि अभिभावको को आरटीई के फार्म भरने में आ रही परेशानियों में मदद मिल सके ।
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