Sunday, April 30, 2023
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Saturday, April 29, 2023
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Friday, April 28, 2023
फीस लौटाने का आदेश न मानने वाले स्कूलों पर सख्ती के संकेत
प्रयागराज : कोविड संक्रमण के दौरान सभी बोर्ड के स्कूलों में शैक्षिक सत्र 2020-21 में लिए गए शुल्क का 15 फीसदी अभिभावकों को वापस मिलेगा। हाईकोर्ट के छह जनवरी 2023 के आदेश पर जिला विद्यालय निरीक्षक पीएन सिंह ने सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को पत्र लिखकर 15 प्रतिशत फीस वर्तमान सत्र 2023-24 में समायोजित करने और जो बच्चे स्कूल छोड़कर जा चुके हैं उनको उक्त धनराशि वापस करने के निर्देश दिए हैं।
शासन के विशेष सचिव ने 16 फरवरी सभी जिलाधिकारियों, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र लिखकर फीस वापसी सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए थे। निर्देशों का अनुपालन न करने पर यदि कोई छात्र या अध्यापक शिकायत करता है तो उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम 2018 के तहत जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष शिकायत रखते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने 21 अप्रैल को सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर हाईकोर्ट के आदेश की अनुपालन रिपोर्ट एक सप्ताह में मांगी है।
एक बच्चे की नौ हजार तक फीस वापस होगी
प्रयागराज। हाईकोर्ट के आदेश पर कोरोना काल में ली गई फीस में से 15 प्रतिशत वापस करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वैसे तो प्रत्येक स्कूल का अलग फीस ढांचा है लेकिन शहर के बड़े निजी स्कूलों की बात करें तो एक बच्चे की औसतन नौ हजार तक फीस वापस मिलने की उम्मीद है। उदाहरण के तौर पर सेंट मेरीज कान्वेंट स्कूल में यदि कोई छात्रा 2020-21 सत्र में कक्षा सात में थी तो उसकी फीस 44520 रुपये ली गई थी। इसका 15 प्रतिशत यानि 6678 रुपये वापस होगा। इसी प्रकार सेंट जोसेफ कॉलेज में 2020-21 सत्र में कक्षा 11 या 12 पीसीएम (कम्प्यूटर) के छात्र से 61010 रुपये सालाना फीस ली गई थी। इसका 15 प्रतिशत 9151 रुपये वापस मिलेंगे।
निजी स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट में की याचिका
प्रयागराज : 2020-21 सत्र में ली गई फीस का 15 प्रतिशत वापस करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ निजी स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका की है। हाईकोर्ट के छह जनवरी के आदेश के खिलाफ स्कूल संचालकों ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी। पुनर्विचार याचिका भी खारिज होने के बाद स्कूल संचालकों ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। हालांकि कानूनी लड़ाई को लेकर अभी कोई स्कूल संचालक कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
हाईकोर्ट और शासन के आदेश के क्रम में फीस वापसी के लिए सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं। यदि कोई अभिभावक संतुष्ट नहीं है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
पीएन सिंह, डीआईओएस