प्रदेश में खुलेंगे दस नए राजकीय संस्कृत स्कूल, विद्यालयों में उत्तर मध्यमा (12वीं) स्तर तक की होगी पढ़ाई
प्रयागराज । संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने दस नए राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों को खोलने का निर्णय लिया है। नए संस्कृत स्कूलों की स्थापना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में शामिल है और शासन से सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने इन स्कूलों के निर्माण के लिए धनराशि आवंटित करने का अनुरोध किया है।
उत्तर मध्यमा (12वीं) स्तर तक के नए संस्कृत माध्यमिक स्कूलों का निर्माण जिन दस जिलों में प्रस्तावित है उनमें वाराणसी, रायबरेली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, जालौन में उरई, अमेठी, मुरादाबाद, एटा व हरदोई का नाम शामिल है। वर्तमान में पूरे प्रदेश में मात्र एक राजकीय माध्यमिक और एक राजकीय महाविद्यालय संचालित है।
गौरतलब है कि संस्कृत विद्यालयों की परिसम्पत्तियों के सृजन के लिए सरकार ने इस साल बजट में 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।
पांच और जिलों में राजकीय संस्कृत विद्यालय खुलेंगे
सरकार ने पांच और जिलों गोरखपुर, प्रयागराज, अयोध्या, चित्रकूट व मथुरा में भी राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय खोलने की तैयारी की है। प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने पांचों जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर इसके लिए तीन एकड़ भूमि उपलब्धता की सूचना तत्काल मांगी हैं।
छात्रवृत्ति के लिए दस करोड़ की व्यवस्था की
प्रदेश सरकार ने एक फरवरी को प्रस्तुत 2023 24 सत्र के बजट में संस्कृत पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिए दस करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। इससे पहले संस्कृत छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए मात्र दो लाख रुपये मिलता था। वैसे माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने 1.31 अरब रुपये से सभी संस्कृत पाठी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने का प्रस्ताव भेजा है।
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