28 अप्रैल को खुलना था पोर्टल अब 03 मई के बाद खुलने के आसार, तबादले के लिए आवेदन हेतु शिक्षक परेशान
अंत जनपदीय तबादले के लिए बेसिक शिक्षक पोर्टल आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। 28 अप्रैल को पोर्टल खुलना था मगर अब इसके तीन मई के बाद खुलने के आसार हैं। पोर्टल में तकनीकी खामी बताई जा रही है। शिक्षक महीनों से तबादले की उम्मीद बांधे हैं। हजारों शिक्षकों को एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक में जाना है।
बेसिक शिक्षकों को मिलेगी राहत
जिले के अंदर तबादले का इंतजार करने वाले शिक्षकों की संख्या दस-बीस नहीं बल्कि सैकड़ों में है। उन्हें पोर्टल खुलने की सूचना मिलने के बाद खुश देखा जा रहा था। सभी ने अपना आवेदन करने के लिए तैयारियां भी कर ली थी। मगर उनकी हसरतें पूरी नहीं हो पाई। इस बार के तबादले के लिए लोगों को समायोजन व म्यूचुअल के आधार पर तबादला मिलना है।
स्कूलों में लम्बे समय से तैनात लोगों में है खींचतान स्कूलों में लम्बे समय से तैनात शिक्षकों के बीच खीचतान बना हुआ है। कई स्कूलों में बवाल है आपसी झगड़े बीईओ, बीएसए से आगे बढ़कर डीएम के चौखट तक जा पहुंचे हैं।
अन्तरजनपदीय तबादले की उम्मीद भी नहीं हो रही पूरी बेसिक शिक्षकों को अन्तरजनपदीय तबादले की उम्मीद नहीं पूरी हो पाई है। उनके लिए पोर्टल तीन साल में नहीं खोला गया। ऐसे में लोग एक जिले से दूसरे जिले में जाने की चाहत रख रहे हैं। अपने गृह जनपद या फिर अपने गृह जनपद के नजदीक के जिले में जाने के लिए आवेदन करना चाह रहे हैं।
शिक्षकों की वरिष्ठता के बाद अब तबादले में भी पेंच
28 अप्रैल से शुरू होनी थी प्रक्रिया, अब तीन मई के बाद होगी,
शिक्षक संगठनों ने कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल, प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों में काफी नाराजगी
लखनऊ। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों की वरिष्ठता सूची अभी तक फाइनल नहीं हो सकी। वहीं, जिले के अंदर तबादला कार्यवाही में भी पेच फंसना शुरू हो गया है। 28 अप्रैल से कार्यवाही शुरू होनी थी लेकिन पोर्टल नहीं शुरू किया जा सका। अब इसे तीन मई के बाद शुरू करने की योजना है। इससे शिक्षक नाराज हैं। उनका कहना है कि विभाग जानबूझ कर समस्या पैदा कर रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग में कुछ महीनों से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की वरिष्ठता तय करने की कार्यवाही चल रही है। छह बार तिथि बढ़ाई जा चुकी है, पर खामियों को दूर नहीं किया जा सका। अभी तक वरिष्ठता सूची फाइनल नहीं की जा सकी है। वहीं, विभाग जिले के अंदर तबादला कार्यवाही शुरू करने की तिथि भी दो बार बढ़ा चुका है।
दूसरे संशोधन के मुताबिक 28 अप्रैल को जिले के अंदर तबादले के लिए पोर्टल शुरू करना था। इस पर एक मई से शिक्षकों को अपने डाटा से संबंधित आपत्ति देनी थी लेकिन पोर्टल ही नहीं शुरू किया जा सका। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल का कहना है कि मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों के पदनाम, मोबाइल नंबर, विषय वर्ग और लिंग में गलतियां हैं। तीन मई तक सही कर पोर्टल पर अपडेट करने को कहा गया है। इसके बाद स्थानांतरण पोर्टल शुरू किया जाएगा।
यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर बताते हैं कि शिक्षक लंबे समय से जिले के अंदर तबादले का इंतजार कर रहे हैं, पर इस बार भी विभागीय खामियां भारी पड़ रही हैं। वहीं, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि विभाग शिक्षकों को उनका हक न देकर उन्हें सिर्फ उलझाए रखना चाहता है।
शिक्षक संगठनों ने कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल
शिक्षक संगठनों ने विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि विभाग कह रहा है कि शिक्षकों के मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज ब्योरा में कई गलतियां हैं। ऐसे में महीनों से चल रही वरिष्ठता कार्यवाही में क्या किया गया? दरअसल विभाग की मंशा ही ठीक नहीं है।
लखनऊ समेत कई जिलों में फिर जारी हुई वरिष्ठता सूची : शिक्षकों ने बताया कि लखनऊ, अंबेडकरनगर, अलीगढ़, अमेठी, बलिया, देवरिया, फतेहपुर, हमीरपुर, हापुड़, हाथरस, झांसी, मऊ, उन्नाव समेत कई जिलों में एक बार फिर वरिष्ठता सूची अपलोड की गई है। अब शिक्षक इस पर आपत्ति दर्ज कराएंगे।
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