बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा विभाग तक विभिन्न योजनाओं को अमली जामा पहनाने का काम तेज
पीएम श्री योजना से 1,753 स्कूल होंगे अपग्रेड, वार्डों में बनेंगी लाइब्रेरी
लखनऊ : बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा विभाग तक विभिन्न योजनाओं को अमली जामा पहनाने का काम तेज हो गया है। तीन महीने में ये विभाग 750 करोड़ रुपये खर्च कर इन योजनाओं को परवान चढ़ाने का कार्य करेंगे। पीएम स्कूल फार राइजिंग इंडिया (श्री) योजना के तहत 1,753 बेसिक स्कूल अपग्रेड किए जाएंगे, ग्राम पंचायतों व वार्डों में लाइब्रेरी और दूसरी बेटी की ट्यूशन फीस माफी योजना के तहत लाभ दिलाने पर पूरा जोर दिया जा रहा है।
आगे तीन महीने में माध्यमिक शिक्षा विभाग 600 करोड़ रुपये, उच्च शिक्षा विभाग 20 करोड़ और बेसिक शिक्षा विभाग 121 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इस योजना पर काम शुरू हो गया है। इसमें प्रमुख रूप से जो योजनाएं शामिल हैं उनमें परिषदीय स्कूलों को पीएम श्री के तहत अपग्रेड कर अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। स्कूलों को सोलर पैनल, स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट व ग्रीन स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा।
पहले चरण में 76.10 करोड़ खर्च किए जाएंगे। बच्चों व किशोरों के लिए वार्डों व ग्राम पंचायतों में लाइब्रेरी व डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर 45 करोड़ रुपये पहले चरण में खर्च होंगे। केंद्र सरकार की नेशनल लाइब्रेरी से यह जोड़ी जाएंगी। निजी स्कूलों में अगर किसी व्यक्ति की दो बेटियां पढ़ाई कर रही हैं तो उसकी दूसरी बेटी की पूरी ट्यूशन फीस माफ की जाएगी।
निजी स्कूलों को फीस प्रतिपूर्ति राज्य सरकार करेगी। स्कूलों से मिले प्रस्ताव के आधार पर अप्रैल 2023 के लिए 1.39 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है। उच्च शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों व डिग्री कालेजों में स्किल हब की स्थापना करेगा। इसके तहत स्कूल छोड़ चुके विद्यार्थियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। स्किल हब पर अभी 3.10 करोड़ रुपये, उच्च शिक्षा गुणवत्ता संवर्धन पर दो करोड़, मुख्यमंत्री शिक्षुता योजना पर 10 करोड़ और वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी बनाने के लिए पांच करोड़ खर्च किया जाएगा।
यूपी सरकार की तैयारी: तीन माह में शिक्षा पर 700 करोड़ खर्च होंगे खर्च
विभिन्न योजनाओं के बजट के व्यय की बनाई कार्ययोजना, प्रदेश के बेसिक स्कूल होंगे अपग्रेड
लखनऊ । योगी सरकार ने आगामी तीन माह में बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा पर 750 करोड़ से ज्यादा के बजट पर खर्च की कार्ययोजना बनाई है। ये राशि इन तीनों ही विभागों में पहले से जारी या नई योजनाओं पर खर्च की जाएगी। इनमें कई योजनाएं केंद्र द्वारा प्रायोजित हैं, जिन पर केंद्र सरकार द्वारा बजट की किस्त जारी होने और प्रदेश सरकार की मंजूरी के बाद व्यय किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा विभाग ने विभिन्न योजनाओं पर 121 करोड़ रुपये के बजट व्यय की कार्ययोजना बनाई है तो उच्च शिक्षा विभाग ने 20 करोड़ से अधिक राशि के खर्च की कार्ययोजना प्रस्तुत की है। वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 600 करोड़ से ज्यादा के बजट की प्राप्ति के आधार पर व्यय का अनुमान जताया है।
अपने दूसरे कार्यकाल में सीएम योगी ने समय सीमा में लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें प्राप्त करने की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है। नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही एक बार फिर सभी विभागों को तीन माह की कार्ययोजना पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।
बेसिक शिक्षा के लिए 510 करोड़ बेसिक शिक्षा विभाग ने 121 करोड़ से अधिक बजट के व्यय की कार्ययोजना प्रस्तुत की है। बेसिक शिक्षा विभाग को पीएम श्री योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार से 510 करोड़ रुपये का बजट प्राप्त होना है। विभाग ने शुरुआती तीन माह में इस योजना के तहत 76.10 करोड़ की धनराशि व्यय करने की कार्ययोजना बनाई है।
पीएम श्री के तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 के तहत देश भर के लगभग 14,500 सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करने की योजना है। स्कूलों को सौर पैनलों, स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट के साथ ग्रीन स्कूल के रूप में भी विकसित किया जाएगा।
इसके अलावा चिल्ड्रेन एंड एडोलसेंड्स लाइब्रेरीज एंड डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विभाग को 300 करोड़ का बजट प्राप्त होना है।
पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) योजना में 390 करोड़ का बजट मिलना है। य्इसके अलावा सेल्फ फाइनेंस्ड स्कूलों में अध्ययनरत एक अभिभावक की दूसरी पुत्री की ट्यूशन फीस की प्रतिपूर्ति के लिए विभाग को 5 करोड़ के बजट का प्रस्ताव है।
उच्च शिक्षा विभाग स्किल हब की स्थापना करेगा
बेसिक और माध्यमिक के अलावा उच्च शिक्षा विभाग ने भी आगामी तीन माह के लिए बजट व्यय की कार्ययोजना प्रस्तुत की है। इसके तहत स्किल हब की स्थापना के लिए 2.10 करोड़ के बजट का प्रावधान है। विभाग इसके लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद व आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था करेगा।
इस योजना के माध्यम से सरकार स्कूल छोड़ चुके छात्र-छात्राओं के लिए व्यवसायिक शिक्षा प्रदान करने और स्कूल के बाद तथा सप्ताहिक अवकाश के दिन स्किल ट्रेनिंग के शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेशन कोर्स कराएगी। उच्च शिक्षा गुणवत्ता संवर्धन पर 2 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जाएगी।
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